हाईकोर्ट ने GMC में अवैध भर्ती की कैंसिल,पूर्व डीन पर लगाया 2 लाख का जुर्माना

भोपाल का गांधी मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इस बार वजह बनी है नियुक्ति प्रक्रिया में हुआ गड़बड़झाला…इस पूरे ही मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई भर्तियों को लेकर कड़ा फैसला सुनाया है जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने कॉलेज में हुई नितिन अग्रवाल,महेन्द्र कुमार सोनी और रविन्द्र कुशवाह की नियुक्तियां रद्द कर दी है… इसके साथ ही पूर्व डीन सलिल भार्गव पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया। अब कोर्ट के निर्देश पर नए सिरे से मेरिट लिस्ट के आधार पर भर्ती होगी। 

मामला योग्य आवेदक को नौकरी से वंचित करने और फर्जी शपथ पत्र पेश करने से जुड़ा है।हाईकोर्ट ने साल 2021 में लैब असिस्टेंट और तकनीशियन पदों पर हुई कथित अवैध नियुक्तियों को लेकर राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए थे  याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार छह सप्ताह के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करे और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करे। कोर्ट ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का गंभीर उल्लंघन होने की बात भी कही।

एफआईआर नहीं, पूर्व डीन पर 2 लाख का जुर्माना…

हाईकोर्ट ने कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. सलिल भार्गव की उम्र को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने की बजाय उन पर जुर्माना के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने उन पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पूर्व डीन से वसूली की 2 लाख रुपए की जुर्माना की राशि विभिन्न सामाजिक और न्यायिक संस्थानों में जाएगी। इस राशि में से 80,000 रुपए मध्यप्रदेश पुलिस कल्याण कोष, 40,000 रुपए राष्ट्रीय रक्षा कोष, 20,000 रुपए की राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और 20,000 की राशि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में जमा होगी। 

कोर्ट ने दी 90 दिन की मोहलत…

हाईकोर्ट ने दो लाख की राशि को जमाकर करने के लिए पूर्व डीन को 90 दिन का समय दिया।  यदि निर्धारित समयसीमा में राशि जमा नहीं की जाती, तो भोपाल के पुलिस आयुक्त को स्वतंत्र रूप से कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार भी दिया गया। 

3 महीने में होगी भर्ती…

हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार अब नई मेरिट लिस्ट तैयार होगी। इंटरव्यू प्रक्रिया को नए सिरे से होगा। इसके लिए कोर्ट ने तीन महीने का समय दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया था। इन अवैध भर्तियों के कारण कई योग्‍य युवा नौकरी पाने से वंचित रह गए।

 

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