कूनो से निकलकर लगातार अपनी टेरिटरी बदल रही है मादा चीता ‘वीरा’

ग्वालियर। श्योपुर के कूनो अभयारण्य के जंगल से बाहर निकल कर मादा चीता वीरा लगातार अपनी टेरिटरी बदल रही है। उसे मैदानी इलाकों का घास से भरा जंगल बहुत रास आ रहा है। यही वजह है कि मादा चीता वीरा ग्वालियर के मोहना फॉरेस्ट रेंज के आसपास लगातार अपना मूवमेंट बनाए हुए है। इससे पहले उसे घाटीगांव के जंगलों में देखा गया था। मादा चीता वीरा अपने शिकार की तलाश में लगातार भटक रही है।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वीरा अब तक 3 बकरियों का शिकार कर चुकी है, उसे यहां आसानी से अपना शिकार मिल रहा है। जबकि कूनो अभयारण्य में शिकार करने के लिए उसे खासी मेहनत करनी पड़ रही थी। इसलिए वह कूनो की तरफ वापस नहीं लौट रही है। ऐसे में उसकी सुरक्षा को देखते हुए। वन विभाग का आमला लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए हैं। जिन ग्रामीणों की बकरियों का शिकार वीरा ने किया है उन किसानों को तत्काल मुआवजा भी दिया गया है।

पल—पल पर नजर
जिन क्षेत्रों में मादा चीता वीरा का मूवमेंट ज्यादा दिखाई दे रहा है वहां ग्रामीणों को आगाह किया गया है। चीता को अधिकतर घास के मैदान पसंद होते हैं, ग्वालियर के आसपास जंगलों में घास अधिक है। इसलिए चीता को विचरण करने में कोई परेशानी नहीं है। उसे मंगलवार को मोहना के नजदीक रेंहट के पास देखा गया है। उसके पल—पल के मूवमेंट पर वन विभाग की टीम निगरानी बनाए हुए है यह पहली बार है। जब कूनो अभयारण्य से निकलकर कोई चीता ग्वालियर के जंगलों में मूव किया है। ग्वालियर का फॉरेस्ट अमला अलर्ट मोड पर है, 24 घंटे वन विभाग की टीम चीता की निगरानी में जुटी हुई है। चीता वीरा को वापस कूनो अभयारण्य में भेजने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल तो उसका नया ठिकाना ग्वालियर के जंगल बने हुए हैं।

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