नर्सिंग घोटाला: हुए कई खुलासे, कैसे चली CBI की जांच पर खास रिपोर्ट…

भोपाल, मनोज राठौर। नर्सिंग घोटाले की शुरूआती जांच के बाद कई बड़े खुलासे भी हुए हैं। अपने रसूख के दम पर कॉलेज चलाने वालों पर कार्यवाही भी की और उनके कॉलेजों की मान्‍यता भी रद्द की गई। पिछले दो साल से चल रही जांच अंतिम पड़ाव पर है। यही वजह है कि एमपी से लेकर दिल्‍ली सीबीआई की इस पर नजर है। देखिए हमारी इस रिपोर्ट में कैसे चली इस मामले की सीबीआई की जांच…

सीबीआई की जांच के बाद कई नर्सिंग कॉलेजों की मान्‍यता को निरस्‍त किया गया। इन कॉलेजों में कागजों पर कामकाज चल रहा था। अभी और भी कॉलेज रडार पर हैं। प्रदेशभर में ऐसे फर्जी कॉलेज का जाल फैला हुआ है। इस नेटवर्क को रसूखदारों का संरक्षण मिल रहा। जिनमें कई राजनेताओं के नाम भी शामिल हैं। कई राजनेताओं के नाम पर कॉलेज का संचालन हो रहा है, तो कईयों के रिश्‍तेदार इसे संचालित कर रहे।

इन कॉलेजों की मान्‍यता रद्द
-महाराणा प्रताप स्कूल ऑफ नर्सिंग, भोपाल
-श्री रविंद्र नाथ टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, खंडवा
-बीआईपीएस स्कूल ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
-सर्व धर्म स्कूल ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
-मधुबन स्कूल ऑफ नर्सिंग, इंदौर
-पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
-सैलाना कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रतलाम
-टेक्नोक्रेट्स स्कूल ऑफ नर्सिंग, भोपाल
-टी डी इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, रीवा
-जीएनएस नर्सिंग कॉलेज, दतिया
-अभिषेक नर्सिंग कॉलेज, ग्वालियर
-श्री स्वामीजी महराज कॉलेज ऑफ नर्सिंग, दतिया
-एनआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, भोपाल
-सुख सागर कॉलेज, जबलपुर
-आर के नर्सिंग कॉलेज, दतिया
-ज्ञान स्कूल ऑफ नर्सिंग, धार
-इंदौर इंटरनेशनल कॉलेज, धार
-जे बी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
-वैष्णवी इंस्टीट्यूट, ग्वालियर

नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़े की वजह से स्‍टूडेंट की परीक्षा नहीं हो पा रही थी। लेकिन जिन कॉलेजों का क्लीन चिट मिली। उनमें अब चार साल के बार परीक्षा होने जा रही हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय यानी मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने टाइम टेबल भी जारी कर दिए। सीबीआई जांच होने की वजह से 375 नर्सिंग कॉलेजों के करीब 1 लाख स्टूडेंट्स पिछले 3 साल से फाइनल एग्जाम देने का इंतजार कर रहे थे। अब इनमें से जिन 169 कॉलेजों को क्‍लीनचिट मिली है, उन स्टूडेंट्स की परीक्षा आयोजित की जा रही। इसके अलावा 139 कॉलेज जो जांच में फर्जी साबित हुए, उनमें पढ़ाई कर रहे करीब 12,000 स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में है।

नर्सिंग घोटाले में अब तक क्‍या हुआ…?
-2022 की शुरुआत में प्रदेश के 55 नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में गड़बड़ी की जांच करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी
-कोर्ट के निर्देश में CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच शुरू की
-इन कॉलेज ने किसी भी थ्योरी और प्रैक्टिकल पढ़ाई के बिना ही स्टूडेंट्स को डिग्री दी थी
-जांच के बाद अब तक 70 फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द हो चुकी
-जुलाई 2023 में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार स्टेला पीटर को हटाया गया
-काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू का दतिया मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर किया
-CBI की जांच में सही पाए गए 169 कॉलेजों में परीक्षा के लिए टाइम-टेबल जारी किया
-CBI की अब तक की जांच में 139 कॉलेज फर्जी निकले

सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे कई खुलासे हुए। जांच में जिन कॉलेज को क्‍लीन चिट दी गई, उनमें परीक्षा आयोजित की जा रही। इससे लाखों स्‍टूडेंट को राहत मिली। लेकिन अभी भी कई ऐसे कॉलेज है, जिनकी जांच जारी है।

गर्म हो गई सियासत
इस घोटाले की जांच पर एमपी की सियासत गर्म हो गई। सियासी बवाल और घमासान जारी है। विपक्ष सरकार को घेर रही है, तो सत्‍ता की तरफ से भी जवाब दिया जा रहा। इस सियासी बवाल के बीच सीबीआई की जांच पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। क्‍या है सियासी बवाल और क्‍यों उठ रहे हैं जांच पर सवाल।

व्‍यापमं की तरह अब नर्सिंग घोटाले पर सियासत होने लगी। इस मामले में कांग्रेस ने सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को घेरा है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इस घोटाले में एसीएस हेल्थ व मेडिकल एजुकेशन मो.सुलेमान, तत्कालीन कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन निशांत बरवड़े सहित तमाम अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। साथ ही कांग्रेस सरकार के एक मंत्री पर भी आरोप लगा रही है। ये भी आरोप लगे कि सीबीआई की जांच में में 50% नर्सिंग कॉलेज अनफिट पाए जाने पर सरकार ने आनन-फानन में नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने के नियमों में बदलाव किया। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अनफिट कॉलेज पर कार्रवाई की बजाय नियमों में ही बदलाव किया। पहले नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए 23 हजार वर्ग फीट जमीन का प्रावधान था। नए प्रावधान क तहत इसी सीमा 8000 वर्ग फीट की गई। कांग्रेस का कहना है कि यदि उनकी केंद्र में सरकार आई, तो इस मामले की जांच के लिए उच्‍चस्‍तरीय कमेटी का गठन किया जायेगा। हमारी सरकार घोटाले के लिए जिम्‍मेदारों को जेल भेजेगी।

घोटाले में आया नया मोड
-जांच पर आने लगी आंच
-जांच करने वाले CBI अफसर ले रहे रिश्‍वत
-2 सीबीआई अफसर गिरफ्तार
-घोटालेबाज कॉलेज से मिले अफसर
-रिश्‍वत लेकर दे रहे कॉलेजों को क्‍लीनचिट
-अब दिल्‍ली सीबीआई कर रही जांच

इस मामले में सियासत तेज हो गई। कांग्रेस का दावा है कि केंद्र में उसकी सरकार बनेगी, तो एमपी कांग्रेस इसकी हाई लेवल जांच करायेगी। कांग्रेस का आरोप है कि इस घोटाले में सरकार लपेटे में आयेगी और कई लोग जेल जायेंगें। कांग्रेस को अब सीबीआई की जांच पर भी भरोसा नहीं है। उसका मानना है कि बीजेपी के इशारे पर सीबीआई काम कर रही है।

पिछले 2 सालों से हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई एमपी के नर्सिंग घोटाले की जांच कर रही है। इसमें नया मोड़ तब आया, जब दिल्ली से आई सीबीआई अफसरों की टीम ने भोपाल सीबीआई के दो अफसरों को मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। दिल्‍ली सीबीआई ने ने इंस्पेक्टर राहुल राज को मलय नर्सिंग कॉलेज की चेयरमैन और प्रिंसिपल से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दिल्‍ली सीबीआई ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इंदौर, भोपाल, रतलाम समेत अलग-अलग जगह पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान सीबीआई ने इंस्‍पेक्‍टर राहुल राज के साथ मलय नर्सिंग कॉलेज की चेयरमैन अनिल भास्करन और प्रिंसिपल सूना अनिल भास्करन को भोपाल के आंचल अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में दलाल सचिन जैन को भी गिरफ्तार किया गया। रेड में इस्‍पेक्‍टर राहुल राज के घर तलाशी में 7 लाख 88 हजार कैश, 2 गोल्ड के बिस्किट भी बरामद किए गए। पकड़े गए आरोपी में रविराज भदोरिया के यहां से 84.65 लाख रूपए, प्रीति तिलकवार के यहां से करीब 1 लाख रुपए और एक डायरी की जब्त की गई।

-दिल्‍ली सीबीआई ने कोड वर्ड को किया डी कोड
-आरोपी पैसे के लेनदेन के लिए इस्‍तेमाल करते थे कोड वर्ड
-पैसे उठाने वाले को बोलते थे कैरियर
-लाखों रुपए को बोलते थे आचार की बर्नी
-पैसे की गिनती किलो आम से करते थे

कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए प्रदेश बीजेपी संगठन के मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस कैबिन में बैठकर सिर्फ बयानबाजी करती है। बीजेपी की सरकार केंद्र में बन रही है। कांतिलाल भूरिया पहले भी कई बार मजाक कर चुके हैं और अब भी अपनी सरकार बनाने को लेकर मजाक कर रहे हैं।

सीबीआई की छवि को प्रभावित किया
मध्‍यप्रदेश की सीबीआई पर दिल्‍ली हैडक्‍वार्टर को भरोसा नहीं रहा। इसलिए सभी आरोपियों से दिल्‍ली में पूछताछ की जा रही। पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इस केस ने सीबीआई की छवि को प्रभावित किया है। ऐसे में अब दिल्‍ली सीबीआई नई टीम से जांच करने पर विचार कर रही है। इस घोटाले से अब एमपी की एजुकेशन सिस्‍टम से लोगों का भरोसा उठ रहा है। पहले व्‍यापम घोटाला और अब नर्सिंग घोटाला। ऐसे घोटालों पर सियासत भी होती है और कुछ समय बात फिर नये घोटाले की गुंज सुनाई देती है। आखिर इन घोटाले पर कैसे लगाम लगेगा। ये सिस्‍टम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।

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