41 kg silver Ganesh idol Jabalpur: जबलपुर में 41 किलो चांदी की गणेश प्रतिमा, 5 किलो से शुरू हुई अनोखी परंपरा

41 KG Silver Ganesh Idol Jabalpur: देश में इन दिनों गणेश उत्सव की धूम है। पंडालों, घरों, दफ्तरों और कार्यालयों में विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ गणपति बप्पा विराजमान हैं।

हर जगह आकर्षक और भव्य प्रतिमाएं लोगों का ध्यान खींच रही हैं। इसी बीच जबलपुर की एक प्रतिमा चर्चा का केंद्र बनी हुई है, क्योंकि यहां एक श्रद्धालु हर साल चांदी के गणेश स्थापित करता है।

2011 में शुरू हुई अनोखी परंपरा

जबलपुर के लालपुर निवासी पंडित प्रमोद तिवारी ने 2011 में गणेश प्रतिमा की एक अनोखी परंपरा शुरू की थी।

आमतौर पर जहां गणेश प्रतिमाएं मिट्टी से बनाई जाती हैं, वहीं उन्होंने पहली बार चांदी की प्रतिमा बनवाई।

उस समय उनके पास केवल 5 किलो चांदी थी और उसी से भगवान गणेश की प्रतिमा तैयार कराई गई।

उस साल बड़ी संख्या में लोग रजत गणेश के दर्शन करने पहुंचे। लोगों की आस्था और उत्साह देखकर प्रमोद तिवारी ने निश्चय किया कि हर साल वे चांदी की प्रतिमा की स्थापना करेंगे।

5 किलो से 41 किलो तक पहुँची प्रतिमा

पंडित प्रमोद तिवारी की इस परंपरा का सिलसिला अब 12 साल में काफी बड़ा हो चुका है।

  • 2011 में 5 किलो चांदी से शुरू हुई प्रतिमा

  • 2023 में यह प्रतिमा 41 किलो चांदी से बनी है

  • प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 2 फीट है

  • भगवान गणेश के सिंहासन से लेकर मुकुट तक सब कुछ चांदी का है

इस भव्य प्रतिमा को देखने हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता

प्रमोद तिवारी खुद को प्रकृति प्रेमी बताते हैं। उनका कहना है कि सामान्य तौर पर गणेश प्रतिमाओं को तालाब, नदी या कुएं में विसर्जित किया जाता है, जिससे जल स्रोत दूषित हो जाते हैं।

लेकिन चांदी की प्रतिमा की यह परंपरा पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी है, क्योंकि इसमें न तो मिट्टी घुलती है और न ही रंग और प्लास्टर पानी को प्रदूषित करते हैं।

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