ग्वालियर। करीब 200 साल पहले जब सिंधिया रियासत काल में माहौल बिगड़ने लगा था। हिंदू और मुसलमानों के बीच मतभेद होने लगे थे। जिसकी जानकारी जब तत्कालीन सिंधिया घराने के महाराज माधवराव सिंधिया प्रथम को हुई, तो उन्होंने ऐसा कदम उठाया, कि हिंदू-मुस्लिम दोनों ही समुदाय के दिलों में एक बार फिर से सांप्रदायिक एकता की लहर दौड़ गई।(Muharram)
200 साल पुराना है इतिहास
सिंधिया परिवार द्वारा यह ताजिया (Muharram) रखने का रिवाज कब से शुरू हुआ? इसकी जानकारी देते हुए सिंधिया घराने के करीबी बाल खांडे ने बताया कि करीब 200 साल पहले जब ग्वालियर में माधव राव सिंधिया प्रथम ग्वालियर रियासत के महाराज हुआ करते थे, उस वक्त हिंदू मुसलमानों के बीच मतभेद होना शुरू हो गए थे और माहौल बिगड़ने लगा था।
ऐसे शुरू हुई परंपरा
सामाजिक सद्भाव बिगड़ने की जानकारी जब माधवराव प्रथम को हुई, तो उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता को कायम रखने के लिए ताजिया रखने की शुरुआत की। माधव राव सिंधिया प्रथम द्वारा महाराज बाड़े पर (वर्तमान में पदमा विद्यालय) ताजिया रखवाए गए। खुद माधवराव सिंधिया प्रथम इन ताजियों (Muharram) पर सेहराबंदी करने के लिए पहुंचे। महाराज द्वारा ताजिए रखे जाने पर प्रजा में एक अलग ही संदेश गया और हिंदू मुस्लिम एकता को बल मिला।
माधव सिंधिया प्रथम ने शुरू की थी पहल
उसके बाद से सिंधिया घराने द्वारा हर साल ताजिये (Muharram) रखे जाने लगे। 200 साल पहले शुरू हुई यह परंपरा आज भी उसी तरह कायम है। हर साल सिंधिया घराने की तरफ से पदमा विद्यालय परिसर में ताजिये रखे जाते हैं और सिंधिया घराने का कोई भी एक सदस्य ताजियों की सेहरा बंदी करने के लिए पहुंचता है। हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए माधव सिंधिया प्रथम द्वारा जो पहल की गई थी, उसका असर आज भी दिखाई देता है। यही वजह है कि सिंधिया घराने द्वारा रखवाए गए ताजिया कार्यक्रम में मुसलमान भाइयों के साथ हिंदू भाई भी देखे जा सकते हैं।
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महा आर्यमन सिंधिया ने ताजिए की सेहराबंदी की
सिंधिया घराने द्वारा हर साल महाराज बाड़े पर स्थित पद्मा विद्यालय परिसर में ताजिये रखे जाते हैं। 10 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में किसी भी एक दिन सिंधिया घराने का एक सदस्य ताजिए की सेहराबंदी करने के लिए पहुंचता है। गुरुवार की शाम को ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महा आर्यमन सिंधिया भी इसी परंपरा के तहत पदमा विद्यालय परिसर में पहुंचे और यहां उन्होंने ताजियों पर सेहरा बंदी की।