आज निकलेगी बाबा महाकाल की शाही सवारी, 6 स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे राजाधिराज

उज्जैन। श्रावण-भादो में निकाली जाने बाबा महाकाल की सातवीं व अंतिम (शाही) सवारी (Baba Mahakal Royal Ride) आज (02 सितंबर) निकलेगी। राजाधिराज महाकाल (Baba Mahakal Royal Ride) अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शाही सवारी में अपने आराध्य का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।

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श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन और भी खास है। दरअसल, भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अमावस्या ‎इस बार 2 सितंबर के दिन‎ महा नक्षत्र, शिव योग की साक्षी में आई है। 3-4 साल में ऐसी स्थिति बनती है जब सोमवती अमावस्या और भगवान महाकालेश्वर की सवारी‎ का योग बनता है।

6 स्वरूपों में होंगे दर्शन

बाबा महाकाल की शाही सवारी का रूट 7 किलोमीटर है। राजाधिराज महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण निकलेंगे। इस दौरान भक्तों को अपने आराध्य देव के एकसाथ 6 स्वरूपों में दर्शन होंगे। करीब 6 घंटे के बाद रात 10 बजे सवारी वापस मंदिर में लौटेगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे शामिल

परंपराओं के मुताबिक बाबा महाकाल की शाही सवारी में सिंधिया राजघराना के सदस्य भी जरूर शामिल होते हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे आर्यमान सिंधिया के आने की संभावना है। उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी शाही सवारी का हिस्सा बन सकते हैं।

डिंडौरी और अनूपपुर का जनजातीय ‎समूह होगा शामिल

बाबा महाकाल की अंतिम सवारी आज शाही ठाठ-बाट के साथ निकलेगी। सवारी में डिंडौरी और अनूपपुर का जनजातीय ‎समूह शामिल होगी। वहीं 70 भजन मंडलियां ‎की भी सहभागिता होगी। प्रत्येक मंडली में 50 लोग शामिल हो‎ सकेंगे। मंडलियों को मंदिर समिति ‎की ओर से पास दिए गए हैं। सवारी में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन, यातायात पुलिस, तोपची, चांदी का ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, स्काउट – गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड, 70 भजन मंडलियां, साधु-संत, पुलिस बैंड, नगर सेना सलामी गार्ड, मंदिर के पुजारी-पुरोहित, भगवान चंद्रमौलेश्वर की प्रमुख पालकी, भारत बैंड के साथ गरुड़ पर शिवतांडव स्वरूप चलेगा।

इसके बाद रमेश बैंड के साथ नंदी रथ पर उमा-महेश स्वरूप, गणेश बैंड के साथ रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारबिंद स्वरूप, आरके बैंड के साथ रथ पर घटाटोप मुखौटा स्वरूप, रथ पर सप्तधान मुखारबिंद स्वरूप, राजकमल बैंड के साथ हाथी पर मनमहेश स्वरूप के दर्शन होंगे। वहीं सवारी के आखिरी छोर पर एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस का वाहन होगा।

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