Bhopal Name Change Controversy: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। वजह है—शहर का नाम बदलकर “भोजपाल” करने की मांग। शहर का नाम “भोजपाल” करने की मांग तेज हो गई है।
भोजपाल मित्र परिषद का कहना है कि भोपाल की असली पहचान राजा भोज से जुड़ी है और शहर का नाम उसी गौरवशाली इतिहास को दर्शाना चाहिए।
इसी को लेकर परिषद आज 23 अगस्त को शहर के 14 जगहों पर एक साथ प्रदर्शन करने जा रही है। यह सिर्फ नाम बदलने का आंदोलन नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और पहचान को लेकर चल रही बहस का हिस्सा है।
भोजपाल नाम की मांग और प्रदर्शन
आज शनिवार 23 अगस्त को भोजपाल मित्र परिषद शहर के 14 अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रही है। परिषद का कहना है कि भोपाल की असली पहचान राजा भोज से जुड़ी है, इसलिए इसका नाम “भोजपाल” होना चाहिए।
महासचिव आशीष जनक और कार्यक्रम समन्वयक हरिओम जटिया का कहना है कि यह सिर्फ नाम बदलने की बात नहीं, बल्कि शहर के गौरव और मूल पहचान को वापस लाने की कोशिश है।
प्रदर्शन सुबह 10 बजे बैरागढ़ चंचल चौराहा से शुरू होगा और शहर के कई प्रमुख चौराहों और स्थानों पर चलेगा—जैसे लालघाटी राजा भोज प्रतिमा, रोशनपुरा, माता मंदिर, कोलार, शाहपुरा, विट्ठन मार्केट, बोर्ड ऑफिस और भेल चौराहा।
पहले हुए नाम परिवर्तन
यह मांग नई नहीं है। पिछले कुछ सालों में भोपाल के कई प्रमुख स्थानों के नाम बदले गए हैं:
हबीबगंज → रानी कमलापति रेलवे स्टेशन
2021 में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति कर दिया गया। रानी कमलापति गोंड आदिवासी समाज की वीरांगना थीं और भोपाल के इतिहास में उनका विशेष स्थान है।
इस्लामनगर → जगदीशपुर
2023 में ऐतिहासिक इस्लामनगर कस्बे का नाम बदलकर उसका पुराना नाम “जगदीशपुर” कर दिया गया। इसे सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर देखा गया।
अशोका गार्डन → राम बाग
2025 में नगर निगम ने अशोका गार्डन का नाम बदलकर “राम बाग” कर दिया। हालांकि इस फैसले का विरोध भी हुआ, मगर निगम का तर्क था कि यह धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा।
हमीदिया अस्पताल, कॉलेज और स्कूल
अभी हाल ही में नगर निगम ने “हमीदिया” नाम वाले अस्पताल, कॉलेज और स्कूल का नाम बदलने का प्रस्ताव भी पास किया है। फिलहाल यह प्रस्ताव कमिश्नर के पास विचाराधीन है।