एमपी में बच्चों के लिए बड़ी सौगात: 24,662 आंगनबाड़ियों को प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना

*भोपाल, 30 जुलाई 2025*: मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। सरकार ने 24,662 आंगनबाड़ियों को आधुनिक प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस कदम से न केवल बच्चों की शिक्षा और पोषण में सुधार होगा, बल्कि आंगनबाड़ियों का पूरी तरह कायाकल्प भी किया जाएगा।

*आंगनबाड़ियों का स्मार्ट ट्रांसफॉर्मेशन*

इस अभियान के तहत आंगनबाड़ियों को स्मार्ट लुक प्रदान किया जाएगा। डिजिटल लर्निंग, पोषण वाटिका और अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस इन केंद्रों को अब ‘सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र’ के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पहल बच्चों को प्ले स्कूलों की तरह स्मार्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

*सुविधाओं का विस्तार*
नई योजना के तहत आंगनबाड़ियों में डिजिटल लर्निंग टूल्स, इंटरैक्टिव शिक्षण सामग्री और पोषण वाटिका जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों को ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जो उनके शारीरिक विकास में सहायक होगा। साथ ही, स्मार्ट तकनीक से लैस इन केंद्रों में बच्चों के लिए आकर्षक और शिक्षाप्रद माहौल तैयार किया जाएगा।

सरकार की प्रतिबद्धता
मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देखभाल प्रदान करना है। इस परियोजना से न केवल आंगनबाड़ियों का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि माता-पिता को भी अपने बच्चों के लिए सुरक्षित और शिक्षाप्रद वातावरण मिलेगा। सरकार ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

भविष्य की रूपरेखा
इस पहल से आंगनबाड़ी केंद्रों को एक नई पहचान मिलेगी, जो बच्चों के शुरुआती शिक्षण और पोषण के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इन सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत आधार प्रदान किया जाए, ताकि वे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार की यह सौगात बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। 24,662 आंगनबाड़ियों का स्मार्ट प्ले स्कूल में रूपांतरण न केवल शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास में भी योगदान देगा। यह परियोजना राज्य में शिक्षा और कल्याण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत कर सकती है।

 

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