Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में धर्मांतरण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पहली बार धर्मांतरण से जुड़े एक मामले में शासकीय जमीन पर बने अवैध प्रार्थना घर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया। यह कार्रवाई तब की गई जब हिंदू संगठनों ने यहां प्रार्थना सभा के आड़ में धर्मांतरण के खेल का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण की जांच शुरू की थी।
धर्मांतरण के खेल का भंडाफोड़
बीते दिनों, सकारी थाना क्षेत्र के भरनी गांव में धर्मांतरण का मामला सामने आया था। यहां एक मकान में प्रदर्शन सभा का आयोजन किया गया था। जिसके तहत लोगों का धर्मांतरण किया जा रहा था। हिंदू संगठनों के हंगामे के बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इसके बाद, प्रशासन ने अवैध प्रार्थना घर का निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई।
शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा
जांच में यह सामने आया कि, प्रार्थना घर को शासकीय जमीन पर अवैध तरीके से बनाया गया था। इस निर्माण को गांव की सुनीता सूर्यवंशी और उनके परिवार ने कराया था। सरपंच की शिकायत के बाद प्रशासन की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में इस अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की। इसके बाद, बुलडोजर चलाकर इस प्रार्थना घर को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया गया।
हिंदू संगठनों का विरोध
इस कार्रवाई के दौरान, बड़ी संख्या में हिंदू संगठन और स्थानीय लोग मौके पर मौजूद थे। जहां कब्जाधारी इस कार्रवाई का विरोध करते हुए इसे अवैध बताते थे, वहीं हिंदू संगठन इसे धर्मांतरण के खिलाफ कड़े कदम के रूप में देख रहे थे। कब्जाधारियों का कहना था कि वे सालों से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे और लोन लेकर इस भवन का निर्माण कराया था। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह निर्माण शासकीय जमीन पर अवैध था।
धर्मांतरण के खिलाफ कड़ा संदेश
हिंदू संगठनों का कहना था कि इस कार्रवाई से प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़ा संदेश गया है। उनका मानना है कि प्रदेश में अब सुशासन की सरकार है, जो धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। प्रशासन ने इस मामले में और भी जांच की बात कही है, खासकर उन फंडिंग के सोर्सिस की जो इस निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई थीं।