BJP One Family One Post Formula: बीजेपी का नया फॉर्मूला, ‘एक परिवार-एक पद’, नेताओं के बेटे-बेटियों को संगठन में जगह नहीं

BJP One Family One Post Formula: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी जिला से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी तक बड़े बदलाव का फैसला किया है। पार्टी ने तय किया है कि अब ‘एक परिवार-एक पद’ के फॉर्मूले पर ही कार्यकारिणी का गठन होगा।

इसका मतलब है कि जो नेता पहले से सक्रिय राजनीति में पदों पर हैं, उनके बेटे-बेटियों या अन्य परिजनों को संगठन में कोई पद नहीं दिया जाएगा।

यह फैसला उन सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के लिए बड़ा झटका है जो अपने परिजनों को पार्टी संगठन में एडजस्ट कराने की कोशिश कर रहे थे।

आम कार्यकर्ताओं को मिलेगा आगे बढ़ने का मौका 

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष के भोपाल दौरे के दौरान इस फॉर्मूले पर अमल शुरू कर दिया गया। प्रदेश नेतृत्व का मानना है कि इस कदम से संगठन में आम कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का ज्यादा मौका मिलेगा और परिवारवाद पर रोक लगेगी।

मऊगंज में विधायक के बेटे को पद और फिर वापसी

रविवार को मऊगंज में बीजेपी की जिला कार्यकारिणी घोषित की गई। इसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और देवतालाब विधायक गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को जिला उपाध्यक्ष बनाया गया।

लेकिन कार्यकारिणी के ऐलान के बाद प्रदेश नेतृत्व तक आपत्तियां पहुंचीं कि विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के बेटे को संगठन में पद दिया गया है।

मामला संज्ञान में आने पर प्रदेश नेतृत्व ने राहुल गौतम को ‘एक परिवार-एक पद’ नीति की जानकारी दी। इसके बाद राहुल गौतम ने स्वेच्छा से उपाध्यक्ष पद किसी अन्य कार्यकर्ता को देने का पत्र प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को भेज दिया।

बाकी जिलों को मिला कड़ा संदेश

मऊगंज में हुई इस गलती और सुधार के बाद प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिलों को साफ संदेश दिया है। जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों और संभाग प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि कार्यकारिणी में शामिल होने वाले नामों को क्रॉस-चेक किया जाए। यदि किसी सांसद, विधायक या सक्रिय राजनीति में पद पर बैठे नेता का बेटा-बेटी या निकट संबंधी शामिल है, तो उसका नाम तुरंत हटा दिया जाए।

इन को मिल सकता है मौका 

बीजेपी की इस नई नीति के बावजूद कुछ नेताओं के परिजन कार्यकारिणी में शामिल हो सकते हैं। इसका कारण यह है कि उनके अभिभावक अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं।

  • पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार राजनीति छोड़ चुके हैं, ऐसे में उनके बेटे मुदित शेजवार को संगठन में जगह मिल सकती है।

  • बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का निधन हो चुका है, इसलिए उनके बेटे तुष्मुल झा को शामिल किया जा सकता है।

  • पूर्व मंत्री माया सिंह के बेटे पीतांबर प्रताप सिंह को भी अवसर मिल सकता है।

  • पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सक्रिय राजनीति से दूर हैं, ऐसे में उनके बेटे मंदार महाजन को भी प्रदेश कार्यकारिणी में मौका मिलने की संभावना है।

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