CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मानसून अभी थमा नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिन बाद पूरे प्रदेश में फिर से तेज बारिश हो सकती है।
रायपुर, दुर्ग, बालोद, कबीरधाम, राजनांदगांव सहित 17 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। लोगों के मन में डर है- कहीं फिर से बाढ़ जैसी स्थिति न बन जाए।
मानसून का सफर
इस बार मानसून ने अब तक अपना 85% कोटा पूरा कर लिया है। सामान्य तौर पर प्रदेश में 1143 मिमी बारिश होती है, और अभी तक 981 मिमी पानी गिर चुका है। अगस्त थोड़ा कमजोर रहा, लेकिन बाकी महीनों में बादल मेहरबान रहे।
सबसे ज्यादा भीगा बलरामपुर
बलरामपुर जिले में अब तक 1330 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से आधी से ज्यादा ज्यादा है।
वहीं बेमेतरा जैसे जिलों में हालात उलट हैं, यहां सिर्फ 465 मिमी पानी गिरा, जो सामान्य से लगभग आधा कम है।
बाढ़ से उभरने की कोशिश
पिछले हफ्ते उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में नदियां-नाले उफान पर आ गए। बस्तर संभाग के चार जिलों में पुल टूट गए, 200 से ज्यादा घर जमींदोज हो गए।
2000 से ज्यादा लोग स्कूलों और आश्रमों में बने राहत शिविरों में रात गुजार रहे हैं। बच्चे किताबों की जगह अब तिरपाल और चटाई पर दिन काट रहे हैं।
बलरामपुर का दर्द
बलरामपुर में बारिश ने और भी बड़ा घाव दिया। बांध टूट गया और पानी की धार में छह लोग बह गए। लापता बच्ची की तलाश आज भी जारी है। जिन घरों पर यह कहर टूटा, वहां चूल्हा ठंडा है और परिवार अब भी सदमे में हैं।
बस्तर की हालत
बस्तर में बारिश ने 200 से ज्यादा मकानों को मलबे में बदल दिया। यहां अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। लोग बताते हैं कि अब पुल टूट जाने से बाज़ार तक पहुंचना तक मुश्किल हो गया है। मजबूरी में ग्रामीणों ने टूटे पुल पर सीढ़ी बांधकर आना-जाना शुरू किया है।