Chhindwara Children Death Case BSTV Investigation: छिंदवाड़ा में मासूम बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। बीएसटीवी की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि मौतों के पीछे सिस्टम की सड़ी हुई व्यवस्था और अफसरों-मंत्रियों की लापरवाही की बड़ी भूमिका रही। दवा जांच से लेकर सप्लाई चेन तक, हर स्तर पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का खेल चलता रहा।
सिस्टम के खेल का पर्दाफाश
बीएसटीवी की जांच में सामने आया कि स्वास्थ्य विभाग में दवा सप्लाई और टेस्टिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही थी। लैब में सैंपल की भारी पेंडेंसी थी, फिर भी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली। निचले स्तर से लेकर उच्च पदों तक, सभी ने कमीशन के खेल में आंखें मूंद लीं।
मंत्री राजेंद्र शुक्ल की नाकामी उजागर
छिंदवाड़ा मामले ने यह भी दिखा दिया कि स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल सिस्टम को संभालने में नाकाम रहे। हर स्तर पर अफसरों की लापरवाही के बावजूद उन्होंने सख्त कार्रवाई नहीं की। अब सवाल उठ रहा है कि क्या प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसे ही भगवान भरोसे चलती रहेगी?
राजनीतिक संग्राम तेज
विपक्ष ने भी इस पूरे मामले को लेकर सरकार पर तीखे हमले किए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह घटना प्रदेश के स्वास्थ्य सिस्टम की सच्ची तस्वीर दिखाती है। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि सिरप तमिलनाडु की फैक्ट्री में बना था और वहां की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
सिस्टम में जमी लापरवाही और कमीशनखोरी
बीएसटीवी की जांच में यह साफ हुआ कि सिस्टम के हर स्तर पर कमीशनखोरी का जाल फैला है। दवा प्रशासन मौत का सौदागर बन गया है। अधिकारियों की जेब भरती रही और मासूमों की जान जाती रही। सवाल यह है कि कब तक ऐसी लापरवाही मासूमों की जिंदगी से खेलती रहेगी?