Unique assignment: “बड़े दुःख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि…”, अब हो रही कार्रवाई की मांग

इंदौर। शिक्षक और शिक्षा एक दूसरे के पूरक हैं। जिस तरह से बिना शिक्षा के शिक्षक का कोई महत्व नहीं होता। ठीक उसी तरह से बिना शिक्षक के शिक्षा का प्रसार होना असंभव है। इतना ही नहीं हर शिक्षक का छात्रों को पढ़ाने और समझाने का अपना एक अलग तरीका होता है, लेकिन पढ़ाने का यही तरीका गले की फांस बन सकता है ये तो शायद शिक्षक ने खुद भी नहीं सोचा होगा।(Unique assignment)

पढ़ाने का अनोखा तरीका बना गले की फांस

यहां पर हम जिस शिक्षक की बात कर रहे हैं वो न तो अवध ओझा हैं, न ही डॉ दिव्यकीर्ति और न ही खान सर…हम बात कर रहे हैं इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के डॉ. अतुल भरत की…जिनका पढ़ाने का तरीका अब उनके गले की फांस गया है, जिसके बाद छात्रों के अभिभावक उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।(Unique assignment)

खुद की मौत का शोक संदेश

दरअसल, शिक्षक अतुल भरत ने एमबीए की पढ़ाई कर रहे छात्रों को खुद की मृत्यु का शोक संदेश लिखकर उस पर अपनी फोटो लगाकर लाने का असाइनमेंट दिया था। इस विवादित असाइनमेंट पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। शिक्षक पर कार्यवाही की मांग की गई है। इतना ही नहीं ये मामला मानव अधिकार आयोग तक भी पहुंच गया है। डॉ. भरत प्रबंधन सिद्धांत विषय के शिक्षक हैं। उनके कहने के बाद नंबर कटने के डर से छात्रों ने तय फॉर्मेट में असाइनमेंट जमा भी करवा दिया है।(Unique assignment)

छात्रों ने शोक संदेश में क्या-क्या लिखा ?

यह विश्वास करना कठिन है कि अंकित अब आप हमारे साथ नहीं हैं…आपकी यादें कभी नहीं भुलाई जाएंगी। वो सदैव हमारे साथ सदैव रहेंगी। बड़े दुःख के साथ मुझे आपको सूचित करना पड़ रहा है कि “अंकित कुमार पांडे” अब हमारे साथ नहीं हैं। वह एक खुशमिजाज़ व्यक्ति थे जो हमेशा समाज को यथा संभव फायदा पहुंचाने की कोशिश करते थे। वह एक सफल व्यवसायी और अरबपति थे जिन्होंने कई युवाओं के रोजगार पाने में मदद की।(Unique assignment)

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उसके लिए सफलता का मतलब अरबपति बनना नहीं है, बल्कि यह है कि उनके प्रयासों (उनका व्यवसाय) के कारण कितने परिवार अच्छा जीवन जी रहे हैं। वह “अपनी रसोई” और “ला राशन” के मालिक और सीईओ थे। उन्होंने हर गांव में इस छोटे उद्यम को फैलाया। ताकि गांव की अनपढ़ महिलाएं और पुरुष भी इसमें शामिल होकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बैकवर्ड क्षेत्र में मुफ्त चिकित्सा देखभाल और मुफ्त शिक्षा प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों को अनेक छात्रवृत्तियां प्रदान की। हमें और पूरे भारत को उन पर गर्व है।(Unique assignment)

शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मामले में पूर्व कार्य परिषद सदस्य ने शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि किसी छात्र से उसकी मौत का संदेश लिखवाया जाएगा तो उसके माता-पिता पर क्या बीतेगी। वहीं स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एचओडी प्रो.कन्हैया आहूजा मामले में कह चुके हैं कि संबंधित शिक्षक से जवाब मांगा है। इसके बाद कार्रवाई का फैसला होगा।(Unique assignment)

‘असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका’

इस मामले में शिक्षक का कहना है कि असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका है। किसी भी इंटरव्यू में सबसे पहले पूछा जाता है कि लक्ष्य क्या है। शोक संदेश लिखवाने के पीछे उद्देश्य भी यही है कि विद्यार्थी जानें कि दुनिया उन्हें किस तरह याद करे। स्टूडेंट को पता होना चाहिए कि उनका अस्तित्व क्या रहेगा। जब पता ही नहीं होगा कि अस्तित्व क्या रहेगा तो लाइफ पाथ कैसे डिसाइड होगा। स्टूडेंट को जिंदगी में कुछ भी प्लान करना है तो उसे पता होना चाहिए कि उसका ऑब्जेक्टिव क्या है। स्टूडेंट को इस असाइनमेंट के बहुत सारी लर्निंग मिली है।(Unique assignment)

एक ही छात्रा ने ली थी आपत्ति

शिक्षक ने बताया कि जब ये असाइनमेंट दिया था। उस वक्त 110 छात्रों में सिर्फ एक छात्रा ऐसी थी जिसने आपत्ति दर्ज करवाई थी। उसने कहा था कि मम्मी ने कहा है कि ये सब नहीं लिखना है। जिसके बाद उसे न तो डांटा और न ही कुछ कहा। वो क्लास भी अटैंड कर रही है। ये क्रिएटिव थिंकिंग का हिस्सा है। कई सालों से चल रहा है। मुझसे एचओडी की तरफ से जवाब मांगा गया था। मामले में मैंने उन्हें जवाब दे दिया है।

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