भोपाल। अभिनेत्री पूनम पाण्डे की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई। पूनम पांडे की डेथ एक अलार्मिंग है, जो युवतियों या महिलाओं को स्वास्थ्य करणों को लेकर चेता भी रहा है। क्या है पैप स्मीयर टेस्ट और लड़कियों के लिए ये टेस्ट क्यों जरूरी है? आज हम आपको यहां इसी पैप स्मीयर टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि सर्वाइकल कैंसर की जांच करने तथा इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। एक दिन पहले ही अंतरिम बजट में भी इसका ज़िक्र किया गया है।
अंतरिम बजट में दी गई व्यवस्था
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले ही गुरुवार 1 फरवरी को अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने पर ध्यान दिया है। इस बजट में सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण को बढ़ाने की घोषणा की गई है। इसके तहत 9-14 साल की लड़कियों का टीकाकरण करके कैंसर के जोखिमों को कम करने पर ध्यान दिया जाएगा।
ऐसे कर सकते हैं पहचान
महिलाओं के लिए ये टेस्ट करवाना जरूर इसलिए है..क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 8 मिनिट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर की शिकार होती है। सर्वाइकल कैंसर एक साइलेंट किलर माना जाता है.. शुरूआत में हमें इसके लक्षण नहीं दिखते, लेकिन अगर का वजन बड़ रहा है या आप ऊर्जा की कमी महसूस करते है।पीरिड्यस के बात असामान्य रक्त, आना पेशाब करते समय दर्द होना। ये सब सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी हो तो तुरन्त अपने डॉक्टर को दिखाएं।
आसान और कम समय में पूरा होने वाला टेस्ट
पैप स्मीयर एक आसान और कम समय में पूरा होने वाला टेस्ट है। इस टेस्ट के दौरान महिला को जरा भी दर्द या किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। कुछ दुर्लभ मामलों में टेस्ट की यह प्रक्रिया सामान्य सैंपल को असामान्य और असामान्य सैंपल को सामान्य बता सकता है। हालांकि ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। यही कारण है कि कुछ महिलाओं के नियमित पैप स्मीयर टेस्ट कराने के बाद भी उनमें सर्वाइकल कैंसर विकसित हो जाता है।
पैप स्मीयर टेस्ट कैसे किया जाता है
पैप स्मीयर टेस्ट क्लिनिक या हॉस्पिटल में किया जाता है। आमतौर पर इस टेस्ट को पूरा होने में 5-10 मिनट का समय लगता है। इस टेस्ट के दौरान एक यंत्र की मदद से गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद कुछ कोशिकाओं को जमा किया जाता है और फिर माइक्रोस्कोप से उनमें मौजूद किसी प्रकार की असामान्यता की जांच की जाती है। कैंसर से ग्रसित कोशिकाओं के मिलने पर डॉक्टर आगे इलाज की प्रक्रिया को शुरू करते हैं। यह एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है जिसमें आपको जरा भी तकलीफ या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। डॉक्टर पीरियड्स या हैवी ब्लीडिंग के दौरान इस टेस्ट को नहीं कराने का सुझाव देते हैं।
अवश्य ही करना चाहिए ये टेस्ट
आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि 21 वर्ष की उम्र के बाद हर महिला को पैप स्मीयर टेस्ट करा लेना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाली गंभीर स्थिति को रोका जा सके। कई बार ऐसा भी माना जाता है कि जो महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव होती हैं केवल उन्हें ही यह टेस्ट कराना चाहिए। जबकि विशेषज्ञ का कहना है कि यह टेस्ट हर महिला करवा सकती है। अगर आपकी उम्र 21 वर्ष से अधिक है तो आपको अपना पैप स्मीयर टेस्ट अवश्य कराना चाहिए। इसके बचाव के लिए एचपीवी का टीकाकारण लगवाए। साथ ही नियमित जांच करने से लोग इस से बचाव कर सकतें हैं।