बस्तर…छत्तीसगढ़ का वो जिला जिसका नाम जुबां पर बाद में आता है पहले दिमाग में नक्सलियों की एक तस्वीर सी बन जाती है। आज हम बस्तर का जिक्र किसी नक्सली घटना के लिए नहीं, बल्कि वर्ल्ड पिकनिक डे (world picnic day) की वजह से कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बस्तर के आस-पास ही नहीं बल्कि पूरे संभागीय क्षेत्र में कई पिकनिक स्पॉट ऐसे हैं जहां अगर आप एक बार चले जाएं तो बार-बार वहां पिकनिक मनाने जाना चाहेंगे।
अच्छा पिकनिक स्पॉट है बस्तर
दरअसल, आज ‘वर्ल्ड पिकनिक डे’ है। बस्तर में भी पिकनिक (world picnic day) मनाने के लिए बहुत सी जगह हैं जिनकी एक अलग पहचान है। यानी उन जगहों पर परिवार और दोस्तों के साथ घूमने-फिरने, खाने-पीने और मौज-मस्ती का माहौल है। इतना ही नहीं यहां ट्रैकिंग, नाइट कैंपिंग के साथ ही नेचर और वाटरफॉल का मजा भी ले सकते हैं।
ऐतिहासिक मंदिरों को भी समेटे में हुए बस्तर
नक्सलियों के नाम पर पहचाना जाने वाला बस्तर अपने अंदर हसीन वादियों, खूबसूरत जलप्रपात और ऐतिहासिक मंदिरों को समेटे हुए है। यहां चित्रकोट और तीरथगढ़ वॉटरफाल हैं, तो ढोलकल शिखर की ट्रैकिंग और यहां विराजे गणपति आकर्षण का केंद्र रहते हैं।
जगदलपुर से 39 किमी दूर स्थित है चित्रकोट जल प्रपात
बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से महज 39 किमी की दूरी पर चित्रकोट जल प्रपात स्थित है। इस जल प्रपात का आकार घोड़े की नाल की तरह है। यहां इंद्रावती नदी का पानी लगभग 90 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है।बारिश के दिनों में 7 से ज्यादा धाराएं नीचे गिरती हैं। जबकि ठंड और गर्मी के समय 2 से 3 धाराएं गिरती हैं।
गुफा में चट्टानों के बीच स्थित है शिवलिंग
इस वॉटरफाल के नीचे एक छोटी सी गुफा में चट्टानों के बीच शिवलिंग स्थित है। जल प्रपात से नीचे गिरने वाले पानी से सालभर शिवलिंग का जलाभिषेक होता है। कहा जाता है कि नाविक यहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं। हालांकि बारिश के दिनों में शिवलिंग तक पहुंचा नहीं जा सकता। गर्मी और ठंड के मौसम में पर्यटकों के कहने पर ही नाविक शिवलिंग तक पर्यटकों को लेकर जाते हैं।
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हवाई सेवा भी हो चुकी है शुरू
जगदलपुर पहुंचने के लिए अब हवाई सेवा भी शुरू हो चुकी है। जिसके बाद से सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी यहां आने में सहूलियत हो गई है। बताते चलें कि रायपुर से जगदलपुर और हैदराबाद से जगदलपुर तक हवाई सेवा भी शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा किरंदुल-विशाखापटनम रेल मार्ग, सड़क मार्ग से भी पर्यटक पहुंच सकते हैं। फिर यहां से करीब 39 किमी का सफर तय कर जल प्रपात तक जा सकते हैं।