भोपाल | मध्यप्रदेश में खाद के लिए मोदी और मोहन सरकार नहीं, बल्कि उनके कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग जिम्मेदार हैं। अन्नदाता के लिए खाद तो पर्याप्त है। लेकिन उसके डिस्ट्रीब्यूशन में दोनों मंत्री फेल साबित हो रहे।
- सरकारी की ‘बदनामी’…मंत्रियों की ‘नाकामी’
- एमपी में पर्याप्त खाद…डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम फेल
- मंत्री एदल सिंह कंसाना, विश्वास सारंग की ‘नाकामी’
- केंद्र से मांग से ज्यादा एमपी को मिल रही खाद
मध्यप्रदेश में खाद को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को मांग से ज्यादा पर्याप्त खाद भेजी। इस बात को जिम्मेदार कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना से लेकर विपक्ष भी मान रहे। लेकिन हैरत की बात है कि पर्याप्त खाद होने के बावजूद उसके वितरण व्यवस्था में सिस्टम फेल साबित हो रहा। कृषि विभाग, सहकारिता विभाग के साथ मध्यप्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कारपोरेशन के पास किसानों को खाद डिस्ट्रीब्यूट करने की जिम्मेदारी है। इन तीनों विभागों के मंत्री एदल सिंह कंसाना और विश्वास सारंग के फेल होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा। मंत्रियों के फेल्यूअर पर सरकार को घेरने वाले विपक्ष को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने करारा जवाब दिया।
⦁ खाद पर मंत्रियों की ‘नाकामी’-एमपी में पर्याप्त खाद
⦁ डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम फेल
⦁ खाद बांटने में मंत्री एदल सिंह कंसाना, विश्वास सारंग फेल
⦁ केंद्र से मांग से ज्यादा एमपी को मिल रही खाद
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साल | यूरिया उपलब्धता | खपत
2024-25 | 42.43 लाख मीट्रिक टन | 38.09 लाख मीट्रिक टन
2023-24 | 41.73 लाख मीट्रिक टन | 34.37 लाख मीट्रिक टन
2023-24 | 36.94 लाख मीट्रिक टन | 32.39 लाख मीट्रिक टन
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साल | डीएपी उपलब्धता | खपत
2024-25 | 12.70 लाख मीट्रिक टन | 11.66 लाख मीट्रिक टन
2023-24 | 17.81 लाख मीट्रिक टन | 15.50 लाख मीट्रिक टन
2023-24 | 17.61 लाख मीट्रिक टन | 13.85 लाख मीट्रिक टन
इसके अलावा 2025-26 में भी मांग से ज्यादा डीएपी और यूरिया एमपी को मिली। हर साल खाद बचती भी है। इसके बावजूद ग्वालियर चंबल से लेकर बुंदेलखंड में किसानों की परेशानी की तस्वीर सामने आती। समस्या खाद की कमी नहीं, बल्कि मंत्री एदल सिंह कंसाना, मंत्री विश्वास सारंग के वितरण और मैनेजमेंट की नाकामी की है।
साल | खरीफ फसलों के लिए DAP की मांग | अब तक मिली DAP | स्टॉक में रखी DAP
2025-26 | 2.50 लाख मीट्रिक टन | 9.40 लाख मीट्रिक टन | 3.42 लाख मीट्रिक टन
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी खाद के पीछे मैनेजमेंट और प्लानिंग की कमी बताते हुए सरकार से जबाव मांगा। साथ ही पंचायत स्तर पर खाद वितरण करने की मांग की। गोदामों पर खाद की भरमार है। वितरण सिस्टम लाचार है। सरकार की बदनामी हो रही। इसके बावजूद मंत्री एदल सिंह कंसाना और विश्वास सारंग इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। जिन पर वितरण सिस्टम को सुधारने की जिम्मेदारी है, वहीं सरकार की बदनामी का कारण बन रहे।
MANOJ RATHORE BSTV BHOPAL…