हत्या से महिला अपराध तक, एमपी के इतने प्रतिशत नेताओं में दर्ज हैं आपराधिक मामले; देश के 47% मंत्री भी नहीं हैं अछूते

भारत की राजनीति में अक्सर “साफ छवि वाले नेताओं” की बात होती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। चुनावी हलफनामों का विश्लेषण करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट बताती है कि देश में बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ नेता भी दूध के धुले नहीं है… यह स्थिति न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि लोकतंत्र के लिए गंभीर सवाल भी खड़े करती है।

क्या है एमपी का आंकड़े?
मध्य प्रदेश की बात करें तो, साल 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले थे। 2018 में कुल 230 विधायकों में से 94 (41%) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। इनमें से 47 पर गंभीर अपराध जैसे किसी पर हत्या, किसी पर हत्या का प्रयास, तो किसी पर महिला अपराध से जुड़े केस दर्ज थे। यह वही लोग हैं जिन्हें जनता ने अपनी उम्मीदों के साथ विधानसभा भेजा था। वहीं, साल 2023 के चुनावों में उम्मीदवारों का हाल भी बहुत अलग नहीं रहा है। इस दौरान कुल 2 हजार 534 उम्मीदवारों में से लगभग 19% ने आपराधिक मामलों की घोषणा की, जिनमें 11% गंभीर मामले थे।

छत्तीसगढ़ भी नहीं है पीछे!
छत्तीसगढ़ भी इन मामलों में पीछे नहीं है। जनवरी 2023 की एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के 13 मंत्रियों का ब्योरा देखा गया। इनमें से 3 मंत्रियों (23%) ने बताया कि उन पर आपराधिक केस दर्ज हैं। खास बात यह है कि ये सभी मामले गंभीर अपराधों की श्रेणी में आते थे। यानी हर चौथे मंत्री पर गंभीर आरोप थे। सितंबर 2025 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के 14 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया है। इसमें से 4 मंत्रियों (29%) पर आपराधिक केस दर्ज मिले। इनमें से 2 मंत्रियों (14%) पर हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी और महिलाओं से जुड़े अपराध जैसे गंभीर केस पाए गए।

राष्ट्रीय स्तर पर भी आए चौंकाने वाले आंकड़े
मध्य प्रदेश ही नहीं, देशभर के आंकड़े भी लोकतंत्र को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। मार्च 2025 तक की एडीआर (ADR) रिपोर्ट में कुल 4 हजार 92 विधायकों में से 1 हजार 861 (45%) पर आपराधिक मामले दर्ज पाए गए। इनमें से 1 हजार 205 (29%) पर गंभीर अपराध के केस दर्ज हैं। यानी देश के लगभग हर तीसरे विधायक के सिर पर गंभीर आपराधिक आरोपों की तलवार लटक रही है।

मंत्री भी नहीं अछूते
आपराधिक मामलों में सिर्फ विधायक ही नहीं, बल्कि मंत्री भी इससे अछूते नहीं हैं। एडीआर (ADR) की रिपोर्ट बताती है कि देशभर के 643 मंत्रियों में से 302 (47%) पर आपराधिक केस दर्ज हैं, और 174 मंत्री गंभीर मामलों के आरोपी हैं। केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 पर केस दर्ज हैं, जिनमें कई गंभीर अपराध शामिल हैं। पार्टीवार स्थिति पर नजर डाले तों, बीजेपी के 136, कांग्रेस के 45, डीएमके के 27, टीडीपी के 22 और आप के 11 मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई पर हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे आरोप हैं।

अरबपति मंत्री भी शामिल
रिपोर्ट का एक संपत्ति वाला पहलु चौंकाने वाला है। 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति करीब 23 हजार 929 करोड़ रुपए आंकी गई है। औसतन हर मंत्री के पास 37 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा अरबपति मंत्री हैं।

कुछ राज्यों में तो हालात बेहद खराब हैं। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी में 60% से अधिक मंत्री आरोपी हैं। वहीं, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों में एक भी मंत्री पर आपराधिक मामला नहीं है।

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