Gaurav Grih Nirman Scam Bhopal: भोपाल की गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने फर्जी सदस्यता, अवैध भूखंड बिक्री और दस्तावेजों की जालसाजी के आरोप में क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक, पूर्व अध्यक्ष संतोष जैन और अन्य सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। करीब 17 साल पुरानी शिकायत पर यह बड़ी कार्रवाई हुई है।
17 साल बाद हुई बड़ी कार्रवाई
संस्था के संस्थापक सदस्यों ने 18 जून 2008 को EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। अब लगभग 17 साल बाद जांच पूरी होने के बाद यह कार्रवाई हुई। शिकायत में कहा गया था कि 1999 के चुनाव में धांधली कर संतोष जैन अध्यक्ष बने और कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी संस्था पर कब्जा बनाए रखा। 2005 में उन्होंने आमसभा की मंजूरी के बिना आठ फर्जी सदस्य जोड़ लिए और नियमों का उल्लंघन किया।
शुभालय विला को दी गई संस्था की पांच एकड़ जमीन
EOW की जांच में यह सामने आया कि 30 जून 2004 को बिना टेंडर और सदस्यों की सहमति के संस्था की पांच एकड़ जमीन शुभालय विला बिल्डर्स को सौंप दी गई। इस अनुबंध में मूल 44 सदस्यों के अधिकारों की अनदेखी की गई और उनके भूखंडों का आकार घटाकर सिर्फ 1200 वर्गफीट कर दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि अनुबंध के पहले तीन पृष्ठों पर गवाहों के हस्ताक्षर नहीं थे, जिससे दस्तावेजों की कूटरचना (forgery) साबित हुई।
49 फर्जी सदस्यों के नाम जोड़े गए
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, 2004 से 2006 के बीच संतोष जैन ने आमसभा के प्रस्तावों में हेराफेरी की और खुद को अनुबंध करने का अधिकार दिखाया। बिल्डर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई।
बाद में मंगलमय और प्रियदर्शनी बिल्डर्स के नाम से नकली कोटेशन तैयार किए गए ताकि शुभालय विला को फायदा दिया जा सके।
मूल सदस्यों को भूखंड नहीं दिए गए, बल्कि 49 नए फर्जी सदस्यों के नाम जोड़े गए, जिनमें सहकारिता विभाग के अधिकारी और प्रभावशाली लोग शामिल थे।
अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत
जांच में खुलासा हुआ कि तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता बबलू सातनकर ने अनियमितताओं को अनदेखा करते हुए अपनी पत्नी सुनिता सातनकर के नाम भूखंड नंबर 7 की रजिस्ट्री कराई। वहीं, संस्था की पूर्व अध्यक्ष अनिता बिष्ट भट्ट ने भी अवैध बिक्री का समर्थन किया।
EOW ने सात आरोपियों पर दर्ज की FIR
EOW ने निम्नलिखित लोगों को आरोपी बनाया है-
- संतोष जैन
- शिशिर खरे
- नंदा खरे
- मनोज सिंह मीक (क्रेडाई अध्यक्ष एवं शुभालय विला पार्टनर)
- बबलू सातनकर (सेवानिवृत्त उपायुक्त, सहकारिता विभाग)
- सुनिता सातनकर
- अनिता बिष्ट भट्ट
EOW अब मामले की गहन जांच कर रही है और संस्था की भूमि लेन-देन व खातों की जांच शुरू कर दी है।