Hartalika Teej 16 Shringar: हरतालिका तीज पर क्यों किया जाता है 16 श्रृंगार? जानें परंपरा और महत्व

Hartalika Teej 16 Shringar: हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास त्योहार है। इस दिन वे माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगती हैं। 

मान्यता है कि महिलाएं 16 श्रृंगार करके ही पूजा करती हैं। ये श्रृंगार न सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि शुभता, सेहत और सकारात्मक ऊर्जा से भी जुड़े माने जाते हैं।

क्या है 16 श्रृंगार?

सोलह श्रृंगार का मतलब है- सिर से पांव तक महिला का पूर्ण श्रृंगार। इसमें वो सभी चीजें शामिल हैं, जो सुहाग, सुंदरता और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक होती हैं।

बिंदी

बिंदी सिर्फ सजावट नहीं बल्कि माथे पर आज्ञा चक्र (थर्ड आई पॉइंट) पर लगाई जाती है। मान्यता है कि इससे मन और मस्तिष्क शांत रहते हैं और ध्यान व एकाग्रता बढ़ती है। बिंदी सुहाग का प्रतीक भी मानी जाती है और स्त्री की सुंदरता को और निखारती है।

सिंदूर

सिंदूर विवाहित महिला की सबसे बड़ी पहचान है। इसे लगाने से पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर लगाने से माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है।

काजल

काजल आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ नज़र दोष से भी बचाता है। पुराने समय में काजल घर पर बादाम और घी से बनाया जाता था, जिससे आंखें ठंडी और स्वस्थ रहती थीं। यह सौंदर्य के साथ स्वास्थ्य का भी प्रतीक है।

मेहंदी

मेहंदी सिर्फ हाथों और पैरों को सजाने का साधन नहीं है, बल्कि यह ठंडक भी प्रदान करती है। सुहागिनों के लिए मेहंदी प्रेम, सौभाग्य और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। मान्यता है कि जिसकी मेहंदी का रंग गहरा होता है, उसका दांपत्य जीवन और भी सुखमय होता है।

चूड़ियां

रंग-बिरंगी चूड़ियां नारी-सौंदर्य का अहम हिस्सा हैं। इनकी खनक से घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशियां फैलती हैं। यह सुहाग और नारीत्व की निशानी मानी जाती हैं।

कुमकुम

कुमकुम को माथे पर लगाने से आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। यह शुभता और पवित्रता का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि इसे लगाने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

गजरा

फूलों का गजरा महिलाओं के श्रृंगार का खास हिस्सा है। इसकी महक मन को प्रसन्न करती है और तनाव को दूर करती है। साथ ही यह सौंदर्य और ताजगी का प्रतीक भी है।

मांग टीका

मांग टीका माथे पर पहना जाता है। यह माथे के मध्य भाग को सुशोभित करता है और ऊर्जा संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसे पहनने से स्त्री ज्यादा आत्मविश्वासी और खूबसूरत महसूस करती है।

नथ

नथ का संबंध सिर्फ सजावट से नहीं, बल्कि सेहत से भी है। आयुर्वेद में इसे महिला के प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ा माना गया है। यह शादीशुदा स्त्री के सौंदर्य और गरिमा को और बढ़ा देती है।

झुमके

झुमके कान के गहने होते हैं। माना जाता है कि ये कान के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को एक्टिवेट करते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है। साथ ही ये श्रृंगार की शोभा को भी बढ़ाते हैं।

मंगलसूत्र

मंगलसूत्र शादीशुदा महिला की सबसे बड़ी पहचान है। यह वैवाहिक बंधन, प्रेम और पति की लंबी उम्र का प्रतीक है। इसे गले में पहनने से रिश्ते में स्थिरता और सामंजस्य बना रहता है।

 हार

गले का हार सिर्फ गहना नहीं है, बल्कि यह शक्ति और सम्मान का प्रतीक है। माना जाता है कि यह दिल को मजबूती देता है और रिश्तों में प्रेम व अपनापन बनाए रखता है।

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