Health Insurance GST Relief: आम लोगों को मिलेगी राहत, बीमा प्रीमियम होगा सस्ता! सरकार जीएसटी खत्म करने पर कर रही विचार

Health Insurance GST Relief

Health Insurance GST Relief: आजकल इलाज का खर्च इतना बढ़ गया है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस हर परिवार की ज़रूरत बन चुका है।

खासकर बुजुर्गों के लिए यह न केवल आर्थिक सहारा है, बल्कि मानसिक सुकून भी देता है कि किसी भी अनहोनी में पूरा बोझ अकेले नहीं उठाना पड़ेगा।

लेकिन पॉलिसी लेने में सबसे बड़ी मुश्किल है 18% जीएसटी (GST), जो प्रीमियम को इतना महंगा बना देता है कि कई लोग पीछे हट जाते हैं।

क्या अब खत्म होगा बीमा पर GST?

बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में इशारा किया है कि सरकार बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इस पर प्रस्ताव तैयार कर चुका है, जिसे जल्द ही जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

सोचिए, कोई भी व्यक्ति जब हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस खरीदता है, तो प्रीमियम के साथ-साथ उसे 18% टैक्स भी देना पड़ता है।

यानी जितना खर्च इलाज के लिए होता है, उसमें टैक्स और जोड़ दिया जाता है। यह बोझ खासकर उन परिवारों पर भारी पड़ता है, जहां बुजुर्ग या गंभीर बीमारी के मरीज हों।

यही वजह है कि बहुत से लोग बीमा लेने से ही बचते हैं।

केंद्र सरकार का रुख

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि बीमा जैसी बुनियादी ज़रूरतों पर टैक्स लगाना न्यायसंगत नहीं है।

उनका कहना है कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और लगातार बढ़ते स्वास्थ्य संकटों को देखते हुए हर इंसान के लिए बीमा ज़रूरी है। इसलिए इसे टैक्स फ्री होना चाहिए।

अगला कदम और व्यापक योजना

सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले GoM में शामिल ज्यादातर राज्य इस बात से सहमत हैं कि बीमा पर टैक्स घटना चाहिए या खत्म हो जाना चाहिए।

अब अंतिम फैसला जीएसटी परिषद लेगी। यह कदम सिर्फ बीमा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि केंद्र सरकार की उस बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसमें सभी उत्पादों और सेवाओं को 5% और 18% टैक्स स्लैब में बांटा जा रहा है।

बीमा जैसे ज़रूरी क्षेत्र को टैक्स से बाहर रखना इस ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ की अहम कड़ी होगा।

आम लोगों के लिए खुशखबरी

अगर यह प्रस्ताव पास हो गया तो हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी पूरी तरह हट जाएगा।

यानी प्रीमियम काफी सस्ता हो जाएगा और अधिक लोग पॉलिसी लेने के लिए आगे आएंगे। इससे न सिर्फ लोगों का बोझ घटेगा बल्कि देश में बीमा कवरेज भी तेजी से बढ़ेगा।

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