आए तुम याद मुझे,गाने लगी हर धड़कन…किशोर की यादें

4 अगस्त 1929 ये वो तारीख है जब मध्य प्रदेश के खंडवा में रहने वाले एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में एक  बालक का जन्म हुआ…उस वक्त किसी को नहीं मालूम था कि गांगुली परिवार में जन्मा यह बालक अपनी विलक्षण प्रतिभा से भारतीय संगीत की दुनिया में इतिहास रच देगा…ये कोई और किशोर कुमार थे जिन्हे फिल्मी दुनिया किशोर दा के नाम से बुलाती थी…चार भाई बहनों में किशोर कुमार सबसे छोटे थे लेकिन जो करामात उन्होने की वो इतनी बड़ी थी कि आज भी उस उंचाई के मुकाबिल कोई नहीं ठहरता…बताते चलें कि किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार जो फिल्म इंडस्ट्री के स्थापित अभिनेता और प्रख्यात कलाकार थे उनकी मदद से किशोर कुमार ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था…किशोर कुमार ने शुरूआती दौर में कई फिल्मों में बतौर नायक अभिनय किया और अपनी अमिट छाप भी छोड़ी लेकिन विधाता ने उनके बारे में शायद कुछ और ही तय कर रखा था…यानि उन्हे अभिनय के जरिए नहीं बल्कि अपनी गायकी से दुनिया का दिल जीतना था …किशोर कुमार फिल्मी दुनिया में एक ऐसे गायक के रूप में उभरे कि आज भी उनका कोई सानी नहीं हैं…देवानंद,राजेश खन्ना.अमिताभ बच्चन.जीतेन्द्र मिथुन चक्रव्रती जैसे कितने ही फिल्मी नायकों को किशोर कुमार ने आवाज दी… कहना अतिशियोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि देवानंद और राजेश खन्ना जो सुपरस्टार कहलाए तो उसके पीछे थी किशोर की वो पुरकशिश आवाज जिसने इन कलाकारों के मुकाम को शिखर पर पहुंचाया…पल पल दिल के पास तुम रहती हो….हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते…चिंगारी कोई भड़के जैसे अनेक संजीदा गीतों को जहां किशोर कुमार अमर बना गए…वहीं मेरी प्यारी बिंदु…मेरा दिल ले गई तीखी नजरिया ओ गुजरिया जैसे खिलंदड़ किस्म के गीतों ने लोगों को गुदगुदाया और हंसाया…जैसा बताया जाता है कि किशोर कुमार कोई ट्रेंड सिंगर नहीं थे लेकिन सुरों पर उनकी पकड़ के कायल पंडित भीमसेन जोशी जैसे शास्त्रीय संगीत के सिद्धहस्थ कलाकार भी थे…ऐसा शायद ही कोई हो जिसने किशोर कुमार को सुना और गुना ना हो…उनके जैसा गायक बनना आज भी नौजवान गायकों का ख्वाब होता है…उनके अंदाज को कॉपी करके कई कलाकार सफलता के शिखर पर भी पहुंचे हैं…एक खास बात और कि किशोर जब ऐसा कोई युगल गीत गाते तो अपने साथी गायक कलाकार पर भारी ही पड़ते थे…प्रख्यात  गीतकार गुलजार और अपनी तरह के अनूठे संगीतकार आर.डी बर्मन और किशोर कुमार की त्रिवेड़ी ने कई ऐसे गीत संगीतबद्ध किए है जो अमर हो चुके हैं…मोमिन खां मोमिन का एक शेर है ग़ैरत-ए-नाहीद की हर तान है दीपक…शोला सा लपक जाए है आवाज़ तो देखो…किशोर कुमार की आवाज की खनक के लिए इससे बेहतर क्या कहा जा सकता है…किशोर कुमार  जिनकी आवाज की दस्तक आज भी सुनने वालों को रूहानी सुकून दे जाती है…किशोर कुमार यूं तो पूरे देश कि धड़कन थे लेकिन मध्य प्रदेश के गौरव थे किशोर कुमार…ऐसी बिरली शख्सियत जिनकी आवाज का तिलिस्म उनके चले जाने के बाद भी  लोगों के जहन में तारी है…उनका गाया हर नगमा किसी नायाब नगीने से कम नही है…किशोर कुमार ऐसे हरफनमौला कलाकार थे जिनका अभिनय गुदगाता था तो गायकी का कमाल ऐसा कि सुनने वाले बिना उनके सुर में सुर मिलाए नहीं रह पाते थे…आज भी जब कहीं किशोर कुमार का कोई गीत कानों में घुलता है तो यखलख्त वो गीत लोगों की जुबान पर मचल भी जाता है…ये कहना जरा भी बेमानी नहीं  होगा कि  किशोर कुमार लोगों के जहन में नहीं रूह में बसते हैं…उनकी  जयंती पर BSTV उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित करता है… उनकी गायकी को सलाम करता है… अविनाश ठाकुर 

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