Rahul Gandhi Vote Chori Claim: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा है और जवाबदेही से भाग रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी निभाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। गोगोई का यह बयान उस समय आया है जब विपक्षी दल चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और निर्णयों पर सवाल उठा रहे हैं। इसके अलावा, गोगोई ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं दिया है, जिससे उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं।
विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की बैठक में चर्चा
विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नेताओं ने ने आज सोमवार 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में बैठक की। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार किया गया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि सीईसी ने पिछले रविवार को विपक्षी सवालों का जवाब दिए बिना एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कुछ सांसदों का मानना है कि इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए और महाभियोग प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया गया।
EC के आंकड़ो को गलत तरीके से पेश कर रहा विपक्ष- CEC ज्ञानेश कुमार
रविवार को चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि कुछ लोग चुनाव आयोग के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो आंकड़े पेश किए गए थे, वे आयोग के नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप लगाने वालों को हलफनामा देना होगा या फिर माफी मांगनी होगी। सात दिनों के भीतर हलफनामा नहीं मिलने पर आरोपों को निराधार मान लिया जाएगा।
चुनाग आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप
विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है, लेकिन आयोग ने इसे नकारते हुए कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और इस तरह के आरोपों से उसकी विश्वसनीयता को नुकसान हो रहा है। इस पूरे विवाद में दोनों पक्ष कुछ हद तक जिम्मेदार हैं, लेकिन चुनाव आयोग की भूमिका इस मामले में ज्यादा महत्वपूर्ण नजर आती है।
विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
विपक्षी दल संसद में एसआईआर (सिस्टम ऑफ आइडेंटिफिकेशन रजिस्ट्रेशन) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की यह पहल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को वोट देने से वंचित करने के लिए की जा रही है। संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक मानसून सत्र में कोई महत्वपूर्ण कामकाज नहीं हो पाया है।