Jabalpur Love Trap Fake Identity Case: प्रेम के नाम पर धोखा: आरोपी ने हिंदू बनकर रचा छल, जबलपुर में महिला से वर्षों तक शोषण

Jabalpur Love Trap Fake Identity Case: जबलपुर में एक बार फिर प्रेम जाल और फर्जी पहचान से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गोसलपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली सरिता राजभर ने अपने साथ धोखाधड़ी, दैहिक शोषण और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने हिंदू नाम अपनाकर उसे प्रेम जाल में फँसाया, शादी का झांसा दिया और वर्षों तक शारीरिक शोषण करता रहा।

फर्जी नाम बताकर प्रेम संबंध बनाए

मिली जानकारी के अनुसार, सरिता राजभर वर्ष 2014 में ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से परेशान होकर मायके लौट आई थी। इसके बाद उसने जबलपुर के रिलायंस कमर्शियल क्षेत्र स्थित साधना मेमर्स फैक्ट्री में सीमेंट की बोरी बनाने का काम शुरू किया।वहीं उसकी मुलाकात एक युवक से हुई, जिसने खुद को अरविंद रघुवंशी बताया।

धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए और युवक ने शादी करने का वादा किया।पीड़िता ने बताया कि युवक ने फर्जी आधार कार्ड पर अरविंद रघुवंशी नाम का उपयोग किया और उसके मकान मालिक से सांठगांठ कर उसके साथ रहने लगा। कुछ समय बाद सरिता को पता चला कि उसका असली नाम असलम खान है, जो फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है।

विरोध करने पर धमकियां और मारपीट

जब सरिता ने उसकी असलियत जानने के बाद विरोध किया, तो असलम ने उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी।पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने वर्षों तक उसका दैहिक शोषण किया और जबरन मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बनाता रहा।जब सरिता ने पुलिस में शिकायत करने का निर्णय लिया, तो आरोपी मारपीट कर अपने मूल गांव फतेहपुर (यूपी) भाग गया।

थाने में सुनवाई नहीं

पीड़िता ने अधारताल थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए केवल सामान्य मारपीट का प्रकरण (अपराध क्रमांक 0578/25) दर्ज किया और उसे थाने से लौटा दिया।सरिता ने बताया कि वह कई बार थाना अधारताल के चक्कर लगा चुकी है, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है।

पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल

इस मामले में पुलिस की उदासीनता को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि इस तरह की लव जिहाद जैसी घटनाओं को नजरअंदाज करना, दोषियों को बढ़ावा देने जैसा है।लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो आरोपी फरार नहीं होता।

प्रशासन से न्याय की गुहार

पीड़िता सरिता राजभर ने संभागीय आयुक्त और महिला आयोग से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उसने कहा है कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं सहित धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए ताकि उसे सजा मिल सके।फिलहाल मामला प्रशासनिक स्तर पर विवाद और जांच की प्रतीक्षा में है, वहीं पीड़िता अब भी न्याय की आस में दर-दर भटक रही है।

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