Machhli Family Bulldozer Action: भोपाल में ड्रग तस्करी और रेप केस के आरोपियों यासीन और शाहवर मछली के परिवार पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे से नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की। 6 जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से करीब 15 हजार स्क्वायर फीट सरकारी जमीन पर बनी तीन मंजिला आलीशान कोठी को ढहाया जा रहा है। कार्रवाई से पहले इमारत में रखा सामान बाहर निकाल लिया गया था।
इसी बीच, भोपाल का कुख्यात अपराधी शारिक मछली फिर से चर्चा में है। उस पर INSAS राइफल और इम्यूनिशन बॉक्स जैसे अवैध हथियार रखने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर सीधे प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से शिकायत की गई है। आरोप है कि पुलिस ने अब तक आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की है, जबकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है
अवैध हथियार रखने का आरोप
भोपाल के कुख्यात माफिया शारिक मछली के खिलाफ एक और गंभीर शिकायत सामने आई है। आरोप है कि उसके पास INSAS राइफल और इम्यूनिशन बॉक्स जैसे अवैध हथियार मौजूद हैं। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से सीधी शिकायत की गई है।
पुलिस पर सवाल
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इतनी गंभीर जानकारी सामने आने के बावजूद पुलिस ने अब तक आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की है। इस पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि पुलिस जानबूझकर कार्रवाई से बच रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि शारिक मछली के पास मौजूद ये हथियार केवल कानून व्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रशासन की कड़ी निगरानी
इस कार्रवाई की निगरानी एसडीएम विनोद सोनकिया और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि पूरी कोठी सरकारी जमीन पर बनी थी, इसलिए इसे पूरी तरह गिराया जा रहा है।
रेप-ब्लैकमेलिंग केस से जुड़ा परिवार
भोपाल पुलिस ने हाल ही में कॉलेज छात्राओं से जुड़े रेप और ब्लैकमेलिंग केस में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गिरफ्तार किया था।
इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद परिवार का एक और सदस्य, चाचा शारिक मछली, भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।
ऐसी थी मछली परिवार की आलीशान कोठी
कोठी का निर्माण वर्ष 1990 में किया गया था। लगभग 15 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में फैली यह इमारत तीन मंजिला थी, जिसमें 30 से अधिक कमरे बनाए गए थे।
इसकी अनुमानित कीमत 20 से 25 करोड़ रुपये आंकी गई थी। कोठी परिसर में गैरेज, पार्क और झूला घर जैसी सुविधाएं भी मौजूद थीं। हालांकि, पूरा निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया था।
सीएम का सख्त संदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो दिन पहले स्पष्ट कहा था कि
“लव जिहाद हो या ड्रग्स माफिया, इस तरह के अपराधियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा, इन्हें नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।”
उन्होंने यह बयान भोपाल में नर्मदापुरम रोड स्थित आमेर मैजेस्टिक में विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में दिया था।