मालेगांव केस में सभी आरोपी बरी, साध्वी प्रज्ञा बोलीं — “भगवा, हिंदुत्व और सनातन की हुई विजय”
Sadhvi pragya: 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में भारतीय जनता पार्टी की नेता और पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को विशेष एनआईए कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट के इस फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया दी और इसे “भगवा, हिंदुत्व और सनातन की विजय” बताया। उन्होंने कांग्रेस और तथाकथित ‘भगवा आतंकवाद’ की अवधारणा पर सीधा हमला बोला।
साध्वी प्रज्ञा का X पर पोस्ट…विपक्ष पर तीखा हमला
साध्वी प्रज्ञा ने लिखा: “भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद की अवधारणा गढ़ने वाली कांग्रेस सहित सभी विधर्मियों का मुंह काला हुआ। भगवा, हिंदुत्व और सनातन की विजय पर समस्त सनातनियों और देशभक्तों का बोलबाला। जय हिन्दू राष्ट्र, जय श्रीराम।” उन्होंने इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र का पटाक्षेप बताया और दावा किया कि यह नैरेटिव देश की आस्था, संस्कृति और धर्म पर हमला था।
क्या था मालेगांव विस्फोट मामला?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक बम धमाका हुआ था जिसमें 6 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो गए थे। बम एक मोटरसाइकिल में लगाया गया था। मामले की जांच पहले महाराष्ट्र ATS और फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ली। एनआईए ने इस केस में UAPA और IPC की कई धाराओं के तहत साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को आरोपी बनाया था।इन पर आतंकवाद, हत्या, आपराधिक साजिश और सांप्रदायिक तनाव फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।
एनआईए कोर्ट का फैसला और उसका असर
करीब 16 साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन ठोस सबूत पेश नहीं कर सका, इसलिए सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है। यह फैसला राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी स्तर पर गहरी चर्चा का विषय बन गया है।