MP Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश में जहरीले ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
जांच में सामने आया कि कुछ निजी डॉक्टरों ने यह सिरप दी थी, जिसमें जहरीले रासायनिक तत्व पाए गए। श्रीसन फार्मा के मालिक एस. रंगनाथन गिरफ्तार, उच्चस्तरीय जांच समिति गठित।
मध्य प्रदेश में जहरीले ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी है।
नागपुर में इलाजरत दो और बच्चों की मौत के बाद अब मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
इनमें छिंदवाड़ा के 19, पांढुर्ना के 1 और बैतूल के 2 बच्चे शामिल हैं। अभी भी कई बच्चे अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही
जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम प्रमुख है, ने बीमार बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप दी थी।
सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी फेल होने लगी और हालत तेजी से बिगड़ती चली गई।
मेडिकल जांच रिपोर्ट में इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्वों (toxic compounds) की पुष्टि हुई है, जो शरीर में जाकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही का मामला है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्रीसन फार्मा के मालिक गिरफ्तार
छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने बताया कि श्रीसन फार्मा (Sresan Pharma) के मालिक एस. रंगनाथन (S. Ranganathan) को चेन्नई (तमिलनाडु) से गिरफ्तार किया गया है।
उन्हें स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड हासिल किया जाएगा और फिर छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) लाया जाएगा।
रंगनाथन पर आरोप है कि उनकी कंपनी द्वारा निर्मित ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप में खतरनाक रसायनों की मौजूदगी थी, जिससे बच्चों की जान गई।
उच्चस्तरीय जांच समिति गठित
प्रशासन ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है।
यह समिति यह पता लगाएगी कि —
- जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची,
- उत्पादन या वितरण के दौरान कहां लापरवाही हुई,
- और कौन-कौन अधिकारी या चिकित्सक जिम्मेदार हैं।
- जांच पूरी होने के बाद सरकार दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।