मध्य प्रदेश में अपना जनाधार मजबूत करने के साथ संगठनात्मक मजबूती के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है…लेकिन कई-कई पदों की जिम्मेदारी निभा रहे है प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं…दरअसल प्रदेश कांग्रेस में एक नेता के पास कई पदों की जिम्मेदारी है… शायद कई पद देकर संगठन ने उन पर भरोसा जताया है । लेकिन सियासी तौर पर ये भी सवाल उठने लगा है कि क्या प्रदेश में कांग्रेस नेताओं की कमी है। या फिर कांग्रेस जिताऊ और टिकाऊ फॉर्मूले पर काम कर रहा है ऐसे कई सवाल है जो सियासी सुगबुगाहट का सबब बने हुए हैं…जैसा देखने में आ रहा है आगामी चुनाव के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस में कसावट की जा रही है और हाल ही में जिला अध्यक्षों की सूची जारी की गई है । इस सूची में विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है । जिले की जिम्मेदारी के साथ कई नेता विधायक भी हैं और उनके पास संगठन के पद भी। ऐसे में बीजेपी ने कांग्रेस के एक नेता, कई पद वाले फॉर्मूले पर तंज कसा है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में नेतृत्व की कमी है। गुटों में बंटी पार्टी कभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर नहीं चल सकती। इसलिए नेतृत्व और नेताओं की कमी की वजह से एक नेता को कई पदों की जिम्मेदारी दी गई। बीजेपी का कहना है कि इससे बुरा हाल आने वाले समय में कांग्रेस का होने वाला है। कई पदों की जिम्मेदारी निभा रहे कांग्रेस नेताओं में जो शुमार हैं उनमे
1-सिद्धार्थ कुशवाहा-विधायक-प्रदेश उपाध्यक्ष-पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष-सतना ग्रामीण जिला अध्यक्ष-पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष
2-जयवर्धन सिंह-विधायक-प्रदेश उपाध्यक्ष-गुना जिला अध्यक्ष
3-ओमकार सिंह मरकाम-विधायक-केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य-डिंडोरी जिला अध्यक्ष
4-महेश परमार-विधायक-प्रदेश उपाध्यक्ष-उज्जैन ग्रामीण जिला अध्यक्ष
5-विपिन वानखेड़े-प्रदेश महामंत्री-इंदौर ग्रामीण जिला अध्यक्ष
6-संजय यादव-प्रदेश महामंत्री-जबलपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष
7-अशोक मर्सकोले-प्रदेश महामंत्री-मंडला जिला अध्यक्ष
8-प्रियव्रत सिंह-प्रदेश महामंत्री-राजगढ़ जिला अध्यक्ष
ये स्थिति कांग्रेस की नहीं, बल्कि बीजेपी में भी है। कई नेता है, जिनके पास विधायक के साथ संगठन के कई पदों की जिम्मेदारी है। कांग्रेस का मानना है कि संगठन में कसावट आगामी चुनाव के लिहाज से की गई है । प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व के मंथन के बाद नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है। संगठन की कमान संभालने के साथ स्थानीय स्तर पर भी मजबूत पकड़ वाले नेताओं को मौका दिया गया। कांग्रेस ने बीजेपी के तंज पर कहा कि प्रदेश कांग्रेस में कई पदों पर जिम्मेदारी दी जाती है। ऐसे में बीजेपी के नेता भी कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। कुलजमा कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं। जबकि पाने के लिए बहुत कुछ है। प्रदेश में कांग्रेस आगामी चुनावों के मद्देनजर जो कवायद कर रही है उसमे वो कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है । हांलाकि अभी चुनाव में भले ही लंबा समय हो, लेकिन कहावत है ना कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है वही हाल कांग्रेस का है जो अपना वजूद कायम रखने के साथ आने वाले समय में प्रदेश की सत्ता पर मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी में हैं…आगे आगे देखिए होता है क्या
MANOJ RATHORE BSTV BHOPAL…