Parliament Attack And Breaches 2001 To 2025: संसद की सुरक्षा में बार-बार सेंध, 2001 हमले से 2025 की घुसपैठ तक की पूरी कहानी

Parliament Attack And Breaches 2001 To 2025

Parliament Attack And Breaches 2001 To 2025: संसद, देश की सर्वोच्च संस्था, लगातार सुरक्षा चूकों के कारण चर्चा में है।

2001 का आतंकी हमला, 2023 में लोकसभा में धुआं छोड़ने की घटना और अब 2025 की ताज़ा घुसपैठ ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।

बार-बार हो रहे इन ब्रीच से सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इस परिसर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

2001: संसद पर सबसे बड़ा आतंकी हमला

13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था।

इस दौरान आतंकियों ने गाड़ियों से घुसकर गोलाबारी की। सुरक्षाकर्मियों और हमलावरों सहित कई लोगों की मौत हुई। 

यह घटना संसद की सुरक्षा के इतिहास में सबसे बड़ा हमला साबित हुई, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए।

2023: लोकसभा में धुएं का हल्ला

22 साल बाद, 13 दिसंबर 2023 को संसद में फिर से बड़ा सुरक्षा उल्लंघन हुआ।

इस बार लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो घुसपैठिए आगंतुक गैलरी से कूदकर सदन में आ गए और पीला धुआं छोड़ने वाले कैनिस्टर खोल दिए। 

साथ ही, उनके साथियों ने संसद परिसर के बाहर गैस स्प्रे किया। घटना से अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे।

सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया और बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी।

2025: फिर टूटी सुरक्षा – दीवार फांदकर घुसपैठ

आज यानी 22 अगस्त 2025 को संसद की सुरक्षा एक बार फिर भेद दी गई। सुबह करीब 6:30 बजे एक व्यक्ति ने पेड़ के सहारे दीवार पर चढ़कर संसद परिसर में घुसने की कोशिश की।

लेकिन गरुड़ द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे पकड़ लिया। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

बार-बार सवालों के घेरे में संसद की सुरक्षा

लगातार हो रही इन घटनाओं से संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

2001 का हमला, 2023 का धुआं छोड़ने का मामला और 2025 की ताज़ा घुसपैठ यह दिखाती है कि सख़्त सुरक्षा घेरा होने के बावजूद चूक संभव है।

अब सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि संसद जैसी उच्च सुरक्षा वाली जगह पर ऐसी घटनाओं को दोबारा न होने दिया जाए।

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