पूर्णिया (बिहार) | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांचल के पूर्णिया में आयोजित जनसभा में कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अब देश में घुसपैठियों की मनमानी स्वीकार्य नहीं होगी और हर हाल में उनसे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों की वकालत कर रहे हैं और इससे बिहार व देश के संसाधनों व सुरक्षा को खतरा है।
‘घुसपैठियों पर हर हाल में कार्रवाई‘
पीएम मोदी ने शीशाबाड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए दोहराया कि जो भी घुसपैठिये हैं, उन्हें देश से बाहर जाना होगा और उनके खिलाफ कार्रवाई एनडीए-सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह उनकी गारंटी है कि घुसपैठियों की मनमानी अब नहीं चलेगी।
विपक्ष पर निशाना: कांग्रेस-राजद को आड़े हाथों लिया
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियां घुसपैठियों के समर्थन में खड़ी दिखती हैं — वह लोग जिन्हें देश और बिहार के संसाधन तथा सुरक्षा की फिक्र नहीं है। उन्होंने उन नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि जिनका रुख घुसपैठियों के पक्ष में है, उन पर जनता करारा जवाब देगी।
चुनावी पृष्ठभूमि और सीमांचल का महत्त्व
बिहार में विधानसभा चुनावों की दिशा की ओर संकेत करते हुए — राज्य में अगले महीने की शुरुआत के आसार के बीच — पीएम की यह सख्त बयानबाज़ी चुनावी मुद्दों को धार दे रही है। सीमांचल में यह रैली राजनीतिक और चुनावी संदेश दोनों का संयोजन दिखाती है।
विकास और घोषणाएँ
मोदी ने इसी मौके पर सीमांचल और बिहार के लिये बड़े विकास प्रोजेक्ट्स का भी ऐलान/उद्घोष किया — जिनकी कुल लागत लगभग ₹36,000–40,000 करोड़ के आस-पास बताई जा रही है — तथा पूर्णिया एयरपोर्ट के अंतरिम टर्मिनल का उद्घाटन किया गया। इन विकास घोषणाओं को प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और लोक-कल्याण से जोड़ा।
विशेषज्ञ टिप्पणी (पेशेवर परिप्रेक्ष्य)
सीमांचल जैसे सेंसिटिव इलाके में ‘घुसपैठ’ को लेकर भाजपा का रुख स्थानीय सुरक्षा और डेमोग्राफी को लेकर भय/चिंता को अभिव्यक्त करता है — जो चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में भी देखा जा सकता है। साथ ही विकास-प्रोजेक्ट्स का जोर क्षेत्रीय वोटरों को रिझाने की नीयत के साथ जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।