Bhopal में शहादत पर सियासत, Independence के जश्न से पहले जुबानी जंग..!

भोपाल में शहादत पर सियासत..!

भोपाल| मध्‍यप्रदेश में आजादी के जश्न से पहले शहीदों को लेकर सियासत होने लगी है। शहीदों को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा। जबकि आजादी एकजुटता के साथ मिली। लेकिन आजादी की लड़ाई में विशेष तौर पर मुस्लिम क्रांतिकारियों को भी याद किए जाने को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई। इस पर अब जुबानी जंग छिड़ गई है।प्रदेश में आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए वीरों पर सियासी रंग देखा जा रहा है। भोपाल की मध्‍य विधानसभा से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद जंग ए आजादी में मुस्लिम क्रांतिकारियों, शहीदों को याद किए जाने और उनके बारे में आम जनता को बताने के लिए “याद करो उलेमाओं की कुर्बानियों को” कार्यक्रम चला रहे है।

शहर के अलग-अलग जगहों पर इन कार्यक्रमों को किया जा रहा। इसी कड़ी में स्कूली बच्चों के साथ काजी कैंप में आयोजित एक कार्यक्रम में आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए मुस्लिम क्रांतिकारियों को याद किया गया। इस दौरान आरिफ मसूद ने कहा कि भारत की आजादी में सभी धर्मों का योगदान रहा। लेकिन कुछ नफरती चिंटू नफरत फैलाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि, मुसलमानों का कोई योगदान नहीं था। मसूद का आरोप है कि NCERT पाठ्यक्रमों से मुस्लिम नायकों की कहानियां हटाई जा रही है।

कांग्रेस विधायक के कार्यक्रम पर बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज अब शहीदों को याद करने लगा है तो ये स्वागत योग्य है। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम समाज अशफाक उल्ला खान, अब्दुल हमीद और अब्दुल कलाम जैसे क्रांतिकारियों को याद करें, जिन्होंने धर्म के नाम पर नहीं बल्कि भारत के नाम पर लड़ाई लड़ी। उन्‍होंने कहा कि भारत ने कभी शहीदों को हिंदू-मुस्लिम में बांटा नहीं और आज भी मातृभूमि के लिए शहीद हुए हर वीर को नमन किया जाता है । कुलजमा आजादी देश की एकजुटता की वजह से मिली।

किसी ने धर्म, जाति और पंत देखकर लड़ाई नहीं लड़ी। सब एक थे और एकसूत्रता की वजह से आज हम आजाद हैं। लेकिन आज आजाद भारत में इस तरह की सियासी गुलामी नफरत फैलाने का काम कर रही है। इससे कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए चमक वाली सियासी ऑक्सीजन तो मिल जाएगी। लेकिन इन सियासतदानों को सोचना भी चाहिए कि उनकी इस डर्टी पॉलिटिक्स का जनता पर क्‍या असर पड़ेगा।

MANOJ RATHORE BSTV BHOPAL…

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