भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में सोमवार से तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व चलेगा। सोमवार को सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसका शुभारंभ किया। अपने संबोधन में सीएम ने कहा, लोग कहते हैं कि आयुर्वेद की दवाी दर से असर करती है। लेकिन मुझे इस दवाई ने तीजे से असर किया है। मैं शिक्षा मंत्री से मुख्यमंत्री बन गया। (CM Dr. Mohan Yadav)
आयुर्वेद, स्वस्थ जीवन का आधार…
आज भोपाल स्थित पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में आयुर्वेद पर्व-2025 अन्तर्गत राष्ट्रीय सेमिनार एवं आरोग्य मेले का शुभारम्भ किया।
आयुर्वेद हमारी भारतीय चिकित्सा पद्धति का आधार है। भारतीय आयुर्वेद की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता इस… pic.twitter.com/10vfRMfzeL
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 20, 2025
सिंहस्थ में आयोजित होगा आयुर्वेद पर्व
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर 2028 को महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। हमारी आस्था विश्वास रखने वालों का पलक पावड़े बिछा कर 2028 का इंतजार करेगी। उन्होंने आगे कहा कि सिंहस्थ 2028 में आयुर्वेद पर्व का आयोजन करने की बात भी कही। (CM Dr. Mohan Yadav)
आयुर्वेद का कोई तोड़ नहीं
सीएम मोहन यादव ने कहा,’आयुर्वेद हज़ारों साल पुरानी परंपरा है। आज जब दुनिया इसकी ओर जा रही है, तो हम एक तरह से इसके राजदूत हैं। हमारे प्रधानमंत्री तो इसके ब्रांड एंबेसडर हैं। प्रधानमंत्री भारत से बाहर जाकर भी हर मोर्चे पर आयुर्वेद को प्रमोट करते हैं।’
‘हमारे काढ़े को बड़े-बड़े एलोपैथिक डॉक्टर मांगकर पीते थे। आयुर्वेद का कोई तोड़ नहीं है, यह प्रत्यक्ष अनुभव से सिद्ध होता है। अगर जीवन के किसी मोड़ पर आपको अपने शरीर से तालमेल बैठाने की जरूरत होती है, तो आयुर्वेद इसमें आपकी मदद जरूर करेगा। यह गारंटी है। हम अपने जीवन का हर पल जी रहे हैं, तो ऑक्सीजन हमें वनस्पति से ही मिल रही है। यह प्रकृति का परस्पर सह-अस्तित्व का सबसे बड़ा उदाहरण है।’
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खुलेंगे 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत में वह सारी चीजें है, जिसको जानने और समझने के लिए दुनिया की जिज्ञासा बढ़ रही है। इससे हमारी भूमिका और जिम्मेदारी भी इससे बढ़ गई है। हमें आयुर्वेद के मूल भाव को बनाए रखने के लिए सतर्क रहने की जरुरत है। जब हमारी सरकार फिर से बनी, तो हमने संकल्प लिया कि 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज खोलेंगे। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। हमारे पास 55 सरकारी जिले हैं, 56 मेडिकल कॉलेज हैं। अब 11 और जोड़ने से यह संख्या 67 हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद, एक ही यूनिवर्सिटी में सभी तरह के कोर्स पढ़ाने की परमिशन दी गई है। आयुर्वेद में काम करने वाले सभी संस्थानों को हम उज्जैन में भूमि उपलब्ध कराएंगे।