तीसरे और चौथे चरण की वोटिंग में दिग्गज नेताओं की अग्नि परीक्षा, मतदान प्रतिशत बढ़ाने बनी रणनीति

भोपाल, विवेक राणा। मध्य प्रदेश में 2024 का चुनावी संग्राम में माननीय की धड़कन तेज हो गई है हालांकि पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत कम आने के कारण माननीय की चिंता तेज होती दिखाई दे रही है। हालांकि तीसरे और चौथे अभी बाकी है, लेकिन प्रभारी मंत्रियों की धड़कन तेज हो गई है। हालांकि चुनावी संग्राम में पता चलेगा कि माननीय ने क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में कितना काम किया है। वहीं बीजेपी मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर रणनीति बना रही है देखते हैं ये रिपोर्ट…

  • दो चरणों में कैसा रहा मध्य प्रदेश के वोटिंग का हाल?
    . मध्यप्रदेश में पहले चरण में लोकसभा की 6 सीटों पर मतदान हुआ
    . 2019 के मुकाबले 7.1 प्रतिशत मतदान कम हुआ
    . दूसरे चरण में भी 6 सीटों पर लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया
    . यहां भी 2019 की तुलना में 9.1% कम मतदाता अपने घरों से निकले

तीसरे चरण में मतदान
भिंड, मुरैना, ग्वालियर, राजगढ़, भोपाल, विदिशा, गुना, सागर और बैतूल सीट पर 7 मई को मतदान
चौथे चरण में मतदान
देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है

इन्हें मिली जवाबदारी
राकेश शुक्ला, एदल सिंह कसाना, नारायण सिंह कुशवाहा, प्रद्युमन सिंह तोमर, गौतम टेटवाल, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, गोविंद सिंह राजपूत, जगदीश देवड़ा, कुँवर विजय शाह, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट

पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत में गिरावट आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत पर राजनीति चरम पर देखने को मिल रही है। हालांकि पहले और दूसरे चरण की लोकसभा सीटों के प्रभारी मंत्रियों की धड़कन तेज होती हुई दिखाई दे रही है। क्योंकि कई ऐसे दिग्गज मंत्री है, जिनके क्षेत्र में मतदान काम हुआ है, हालांकि मतदान कम होने से मंत्री टेंशन में है क्योंकि संगठन पहले ही संकेत दे चुका है कि 24 के चुनावी संग्राम में सभी विधायक और मंत्री की परफॉर्मेंस रिपोर्ट चुनाव के बाद बनाई जाएगी। हालांकि तीसरे और चौथे चरण का मतदान अभी बाकी हैं, मगर मंत्री जमीनी स्तर पर पसीना बहाते दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि सभी नेताओं को जवाबदारी दी गई है ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएं। तीसरे और चौथी चरण के मतदान में प्रदेश में ज्यादा मतदान होगा।

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