Delimitation: नगर निगम के परिसीमन से बढ़ी पार्षदों की परेशानी, जिस वार्ड में कराया काम, वही हिस्सा परिसीमन में गायब

रायपुर। नगर निगम के परिसीमन का प्रकाशन हो चुका है। इसके लिए अब दावा आपत्ति के लिए एक सप्ताह का समय रखा गया है। लेकिन परिसीमन में सभी 70 वार्डों की तस्वीर बदल चुकी है। जिसके चलते नगर निगम की राजनीति गरमा गई है। आलम यह है कि जिन क्षेत्र में वार्ड के पार्षदों ने पांच साल तक काम कराया, वही हिस्सा उनके वार्ड से परिसीमन में गायब हो चुका है। जिसे लेकर अब वार्ड के पार्षदों की परेशानी बढ़ गई है।(Delimitation)

पार्षदों के लोग पहुंचे नगर निगम

गुरुवार को दावा आपत्ति का पहला दिन था, जिसमें आम नागरिक तो कम थे लेकिन पार्षदों के साथ उनके लोग ही नगर निगम ज्यादा पहुंचे। जिन्होंने अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर अपने वार्ड की सीमा सुधार करने का आग्रह किया। वहीं परिसीमन में 2 वार्ड तो पूरी तरह से अलग-अलग वार्डों में मर्ज हो गए।(Delimitation)

जनता को खुश रखने वाले पार्षदों की स्थिति खराब

इसको लेकर इन वार्डों की राजनीति पर जहां असर पड़ना तय है, वहीं 5 वर्ष तक दिन रात मेहनत कर वार्ड की जनता को खुश रखने वाले पार्षदों की स्थिति भी खराब हो चुकी है। अब आगामी पांच महीने में चुनाव है। ऐसे में पार्षद के लिए इस परिसीमन के अनुसार चुनौती बढ़ चुकी है।(Delimitation)

कई वार्डोंं की बदलीं सीमाएं

परिसीमन में कई वार्डों की सीमाएं बदल चुकी हैं। इसमें कई ऐसे वार्ड हैं, जिनमें नए इलाके शामिल किए गए तो कई हिस्से गायब भी हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार संत कबीर दास वार्ड-3 को छोटा कर दिया गया है। वहीं, रानी लक्ष्मी बाई वार्ड क्रमांक-10 का क्षेत्र भी घटा है। वीरांगना अवंति बाई वार्ड के क्षेत्र में विस्तार हो गया है।(Delimitation)

परिसीमन का विरोध करते हैं

परिसीमन को लेकर रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने कहा, यह परिसीमन राजनीतिकरण का हिस्सा है, जिसका हम विरोध करते हैं, अगर यह जनता की भलाई के लिए बनाया जाता तो हम इसका साथ देते। उन्होंने कहा कि अभी एक हफ्ता है जिसमें हम आपत्ति दे सकते हैं। वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में चर्चा कर परिसीमन में आगे क्या करना है इसका निर्णय लिया जाएगा।(Delimitation)

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जनसंख्या के आधार पर हुआ परिसीमन

नगर निगम रायपुर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा, जनसंख्या के आधार पर वार्डों का परिसीमन हुआ है। पूर्व में जो परिसीमन हुआ था, उसमें जनसंख्या में असमानता थी। इस बार हुए परिसीमन में शहर की जनसंख्या वार्डों के अनुसार बैलेंस करने की कोशिश की गई है। हालांकि इसमें महापौर द्वारा राजनीति की जा रही है, जो शहर की जनता के दृष्टि से ठीक नहीं है।