Patwari Union Strike: पटवारियों की राजस्व मंत्री से मुलाकात, 40 मिनट चली बैठक के बाद खत्म हुई हड़ताल

रायपुर। प्रदेश में पटवारियों की चल रही हड़ताल राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात के बाद खत्म हो गई है। मंत्री द्वारा पटवारियों की मांगों पर विचार करने के बाद ये हड़ताल खत्म हुई है। ये बैठक में करीब 40 मिनट तक चली जिसके बाद पटवारियों ने ये फैसला लिया।(Patwari Union Strike)

34 मांगों पर हुई चर्चा

पटवारियों की बैठक खत्म होने के बाद मंत्री टंकराम ने कहा कि, उनकी 34 मांगों पर चर्चा हुई है अभी से ही पटवारी अपने-अपने काम पर लौट जाएंगे। हालांकि, पटवारी संघ के द्वारा अभी तक इस पर किसी तरह का कोई बयान नहीं आया है।(Patwari Union Strike)

5 हजार से ज्यादा पटवारी हड़ताल पर थे

बता दें कि, प्रदेश के 5 हजार से ज्यादा पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। जिससे राजस्व विभाग के सभी कामकाज ठप हो गए। प्रदेशभर में पटवारियों ने ये आंदोलन 8 जुलाई से 32 सूत्रीय मांगों को लेकर रायपुर धरना स्थल पर शुरू किया था। इसके साथ ही अलग-अलग जिलों में भी ये प्रदर्शन जारी था।(Patwari Union Strike)

पटवारी संघ की परेशानियां

पटवारी संघ का कहना है कि, ऑफिस में ऑनलाइन कामों के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रिंटर, स्कैनर जैसे अन्य सुविधाएं उन्हें नहीं मिल रही हैं। जबकि डिजिटल हस्ताक्षर 100 फीसदी करने के लिए शासन स्तर पर दबाव बनाया जाता है। पटवारी अपने खर्च से ही डिजिटल टोकन बनाते हैं, इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।उन्होंने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण के लिए पटवारी की आईडी में आता है।जिसमें क्रेता-विक्रेता से संबंधित सारी जानकारी अंग्रेजी में रहती है। जिसे हिंदी में टाइप करना पड़ता है। लिपिकीय त्रुटि हो सकती है, जिसके लिए पटवारी को ही दोषी समझा जाता है। पटवारियों का ये भी आरोप है कि शासन की तरफ से न तो उन्हें नेट भत्ता दिया जाता है और न ही आवश्यक संसाधन दिए जा रहे हैं।(Patwari Union Strike)

Mohan Cabinet की बैठक संपन्न, बैकलॉग पदों पर भर्ती समेत कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

भुइंया पोर्टल को अपडेट करने की मांग

पटवारियों ने मांग की है कि भूमि, खरीद-बेच में रजिस्ट्री के साथ ही भुइंया पोर्टल पर भी इसे अपडेट किया जाना चाहिए। ऑनलाइन नक्शा, बटांकन, संशोधन पहले पटवारी आईडी में संशोधित कर राजस्व निरीक्षक की आईडी में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि अगर राजस्व निरीक्षक की आईडी से अनुमोदन नहीं होता है, तो उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं करने को मिलता है, जिसके कारण बेवजह देर होती है।

शहर चुने