बीजेपी ने बदली रणनीति! वोटर्स के घर से बूथ तक की जिम्‍मेदारी

भोपाल, मनोज राठौर। मध्‍यप्रदेश में कम वोटिंग प्रतिशत ने बीजेपी की रणनीति को बदलकर रख दिया। बीजेपी ने अपने नेताओं को वोटर्स के घर से लेकर पोलिंग बूथ तक की जिम्‍मेदारी दी है। कोशिश है कि आने वाले फेज में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाया जा सके। देखिए ये खास रिपोर्ट…

मध्‍यप्रदेश में बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति को बदलने का काम किया है। इसके तहत बीजेपी ने अपने नेताओं को अलग-अलग जिम्‍मेदारी भी दी। बीजेपी जमीनी स्‍तर पर मतदाताओं से संपर्क कर उन्‍हें पोलिंग बूथ तक ले जाने की कोशिश करेगी।

-पन्‍ना प्रमुख से लेकर मंत्री-विधायकों को टारगेट
-हर बूथ पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश
-2 फेज में वोटिंग प्रतिशत घटने से बढ़ी टेंशन

प्रदेश के पहले और दूसरे चरण में शामिल 12 लोकसभा सीटों पर कम वोटिंग प्रतिशत ने बीजेपी के साथ कांग्रेस की टेंशन को बढ़ाया है। सियासी जानकारों का मानना है कि इससे बीजेपी को नहीं बल्‍कि कांग्रेस को भी फर्क पड़ेगा। कांग्रेस इसे परिवर्तन से जोड़कर देख रही है, तो बीजेपी का मानना है कि कम वोटिंग प्रतिशत कांग्रेस के खिलाफ है। बीजेपी के वोटर्स ने अपना वोट किया है। कांग्रेस में जरूर अफरा-तफरी की स्‍थिति है।

-बीजेपी ने पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रभारियों को दी जिम्‍मेदारी
-बूथ की टीम को शत प्रतिशत वोटिंग के लिए कहा
-मंत्रियों के साथ विधायकों को भी दिया टारगेट
-मतदाताओं को जागरूक करने की कोशिश
-मतदाताओं को घर से निकालने की जिम्मेदारी
-योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने के निर्देश

कम मतदान को लेकर बीजेपी ने अपनी बदलती रणनीति के तहत अपने पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों के साथ मंत्रियों और विधायकों को जिम्‍मेदारी दी है। उन्‍हें सक्रिया किया गया। बूथ प्रभारियों को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क करने के लिए भी कहा गया। कोशिश यही है कि मतदाताओं के घर दस्‍तक देकर उन्‍हें वोटिंग के लिए प्रेरित किया जाये। मध्य प्रदेश में सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो,सतना, रीवा और होशंगाबाद लोकससभा सीट पर वोटिंग हो चुकी है। ये पहले और दूसरे फेज की वोटिंग थी। अब आने वाले फेज की वोटिंग को लेकर सियासी दलों ने अपनी रणनीति को बदला है। 2019 की तुलना में पहले चरण की सीटों पर 7.48 और दूसरे चरण में 9.6 प्रतिशत मतदान कम रहा। डिप्‍टी सीएम राजेंद्र शुक्‍ल ने कम वोटिंग को लेकर बीजेपी का नुकसान नहीं बताया है। उनका मानना है कि बीजेपी का शत प्रतिशत उन्‍हें मिला है। इससे कांग्रेस को जरूर नुकसान होगा।

बीजेपी हाईकमान ने जिन क्षेत्रों में मतदान हो चुका है, वहां के विधायक और उम्मीदवारों को दूसरे क्षेत्रों में दौरा करके कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए कहा है। चुनाव आयोग भी कम मतदान को लेकर चिंतित है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कलेक्टरों के साथ बैठक कर चुके हैं। तीसरे और चौथे चरण में जिन 17 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होना हैं, उनमें चलें बूथ की ओर अभियान शुरू किया। एक मई को बैतूल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के 20 हजार 456 मतदान केंद्रों पर यह अभियान चलाया जाएगा। वहीं, सात मई को चौथे चरण के देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 18,007 मतदान केंद्रों पर यह अभियान चलेगा। इसमें मतदाता जागरुकता दल प्रत्येक मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान में भाग लेने के लिए मतदाताओं को प्रेरित करने का काम करेंगे। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कम मतदान का ठिकरा बीजेपी पर फोड़ा है। उनका कहना है कि बीजेपी को लेकर जनता में नाराजगी है। महिलाओं से किया वादा पूरा नहीं किया। इसलिए महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत भी गिरा।

कम वोटिंग प्रतिशत के पीछे सियासी और प्रशासनिक स्‍तर पर कई कारण गिनाये जा रहे हैं। लेकिन एक आंकलन के अनुसार ये विफलता तो है। लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं का घर से नहीं निकलना भी ठीक संकेत नहीं है। ऐसे में आने वाले फेज की वोटिंग में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश सभी की है। यही वजह है कि प्रशासनिक और सियासी स्‍तर पर सभी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

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