नेशनल गेम्स 2025 में 82 खिलाड़ियों ने जीते 82 पदक, सीएम मोहन यादव बोले- “खिलाड़ी सिर्फ खेल नहीं, जीवन में भी रोल मॉडल होते हैं”
Bhopal | Sports Desk
मध्यप्रदेश ने एक बार फिर खेल के मैदान पर इतिहास रचा है। 38वें नेशनल गेम्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के 82 खिलाड़ियों को और राज्य के उत्कृष्ट कोचों को सम्मानित करने के लिए ‘मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण समारोह’ का आयोजन भोपाल के रवींद्र भवन में भव्य रूप से किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि “खिलाड़ी वह होता है जो मैदान के साथ जीवन में भी श्रेष्ठता की मिसाल कायम करे।” उन्होंने भगवान राम और श्रीकृष्ण को भी आदर्श खिलाड़ी बताते हुए उनके जीवन को प्रेरणादायक बताया।
नेशनल गेम्स के 82 विजेताओं को ₹5.46 करोड़ की सम्मान राशि
मध्यप्रदेश ने इस बार 18 खेलों में 34 स्वर्ण, 25 रजत, और 23 कांस्य पदक जीतकर देशभर में अपनी पहचान और भी मजबूत की।
इन सभी विजेता खिलाड़ियों को मंच से ₹5.46 करोड़ की सम्मान निधि प्रदान की गई।
11 विक्रम और 11 एकलव्य पुरस्कार विजेता घोषित
समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को निम्नलिखित राज्य स्तरीय पुरस्कारों से नवाजा गया:
🔹विक्रम पुरस्कार (₹2 लाख):
ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), जान्हवी श्रीवास्तव (क्याकिंग), शिवानी पवार (कुश्ती), रागिनी मार्को (तीरंदाजी), श्रुति यादव (बॉक्सिंग), यामिनी मौर्य (जूडो), नीलू डाडिया (हॉकी), रूबिना फ्रांसिस (दिव्यांग शूटिंग) सहित अन्य।
🔹एकलव्य पुरस्कार (₹1 लाख):
रितुराज बुंदेला (शूटिंग), भूमि बघेल (क्याकिंग), कृष्णा मिश्रा (स्क्वैश), पूजा दांगी (फेंसिंग), नेहा ठाकुर (सेलिंग), अंकित पाल (हॉकी) सहित अन्य।
कोचों को मिला विश्वामित्र सम्मान | जिम्नास्ट रतनलाल वर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट
विश्वामित्र पुरस्कार से तीन अनुभवी प्रशिक्षकों को नवाजा गया:
- पीजूष कांती बारोई (क्याकिंग),
- अशोक कुमार यादव (तीरंदाजी),
- लोकेन्द्र शर्मा (हॉकी)
साथ ही, जिम्नास्टिक के रतनलाल वर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और ₹2 लाख की राशि से सम्मानित किया गया।
हर विधानसभा में बनेगा खेल स्टेडियम
खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने घोषणा की कि प्रदेश सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में एक आधुनिक खेल स्टेडियम की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के खिलाड़ी जल्द ही भारत के शीर्ष राज्यों में शामिल होंगे।
समारोह में ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रमेश मेंदोला, सचिव दिग्विजय सिंह, और प्रमुख सचिव मनीष सिंह भी मौजूद रहे।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश अब सिर्फ खेलों में हिस्सा नहीं ले रहा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रहा है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, खिलाड़ियों की मेहनत, और कोचों की दिशा ने मिलकर प्रदेश को खेल महाशक्ति की ओर अग्रसर किया है।