भोपाल। प्रदेश के सागौन को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की प्रदेश की मोहन सरकार अब प्रयास करेगी। इसके लिए मध्य प्रदेश के सागौन की दिल्ली के डिपो में उपलब्धता बढ़ाई जाएगी। उच्च गुणवत्ता के सागौन को मध्य प्रदेश से दिल्ली के डिपो में रखा जाएगा, जिससे कि क्रेता यहां आकर सागौन की अलग-अलग किस्म और उसकी विशेषताओं से अवगत हो सके।(Sagwan Wood)
6.50 करोड़ की सागौन की लकड़ी की जाएगी नीलाम
इसलिए इस बार दिल्ली डिपो में मध्य प्रदेश की 6.50 करोड़ रुपए की सागौन की लकड़ी नीलाम की जाएगी। सागौन काष्ठ की नीलामी दो सितंबर को होगी। वन विभाग ने सूचना जारी करते हुए बताया कि तय मूल्य से अधिक जो बोली लगाएगा, उसे यह सागौन काष्ठ दे दी जाएगी।(Sagwan Wood)
बैतूल के सागौन की देशभर में मांग
बता दें कि, यह सागौन काष्ठ मध्य प्रदेश के वनों से विदोहन के जरिए लाई गई है। यह 400 घनमीटर सागौन के लट्ठे हैं। जिसमें बैतूल जिले में उत्पन्न सागौन की लकड़ी की देशभर में मांग है। यहां के जंगल में कई खूबियों वाली इस प्रजाति के 100 साल पुराने वृक्ष भी मौजूद हैं।(Sagwan Wood)
‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना में भी शामिल है सागौन
यहां का सागौन मध्य प्रदेश की ‘एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना’ में भी शामिल है। तेलीय सागौन की लकड़ी अच्छी गुणवत्ता के चलते पसंद की जाती है। सागौन में घुन नहीं लगता जिसके चलते इसकी अधिक मांग होती है।(Sagwan Wood)
प्रदेश के कई जिलों में पाया जाता है सागौन
प्राकृतिक रूप से सागौन भारत के मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में मुख्य रूप से पाया जाता है। प्रदेश में सागौन मुख्यत: होशंगाबाद, बैतूल, खंडवा, छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर और मंडला में पाया जाता है।(Sagwan Wood)
सिविल अस्पताल की नर्स को ‘कोलकाता कांड’ दोहराने की धमकी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
खिलौना उद्योग में भी सागौन की मांग
सागौन की लकड़ी की खिलौना उद्योग में भी काफी मांग है। बुधनी में खिलौना क्लस्टर से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर बढ़े हैं तो वहीं यहां के लकड़ी के खिलौनों की देशभर में मांग भी बढ़ी है। इसी के चलते अब देश के अन्य राज्यों ने भी मध्य प्रदेश के सागौन में रुचि दिखाई है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल सागौन को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है।