SCO : चीन में हास-परिहास , क्या अमेरिका को आएगा रास ?

पाक पीएम की मौजूदगी में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने SCO बैठक में कहा – दोहरी मानसिकता नहीं चलेगी

चीन में जो हो रहा है सारी दुनिया की निगाहें है. जिंगपिंग पुतिन और मोदी की तिकड़ी… हास-परिहास…कोने में सहमे से बड़े शरीफ बनकर खड़े तीन महाशक्तियों के मिलन को देखते शहबाज… एससीओ मीट के ये नजारे ट्रंप को जैसे मुंह चिढ़ा रहे थे…ये कूटनीतिक हंसी इस बात का संकेत है कि अमेरिकी धौंस से निपटने की युक्ति ढूंढ ली गई है…बहरहाल बात एससीओ मीट के फिलवक्त के लब्बोलुआब की तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां नायक बनकर उभरे हैं…यहां उन्होने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को भी समझा दिया और अमेरिका को भी कि उसकी धौंस चलने वाली नहीं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 25वें SCO परिषद शिखर सम्मेलन में एक कड़ा संदेश दिया. उन्होने कहा कि आतंकवाद केवल किसी एक देश के लिए नहीं , बल्कि पूरी मानवता के लिए एक चुनौती बना हुआ है और इसके प्रति “दोहरी मानसिकता” अब स्वीकार्य नहीं होगी.

सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख किया और यह भी जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा , शांति और स्थिरता ही प्रगति की नींव है. प्रधानमंत्री ने SCO से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की भी बात कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ,“आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत एकजुटता पर अडिग है , और इस दिशा में SCO की एक अहम भूमिका है”. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की दोहरी नीति स्वीकार्य नहीं है.

प्रधानमंत्री मोदी ने अल-कायदा और उसके सहयोगी आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व किया है , और कहा है की हम किसी भी प्रकार के आतंकवाद के वित्तपोषण का विरोध करते है. हाल ही में हमने पहलगाम में हुए निर्मम आतंकी हमले को देखा है. मैं उन सभी मित्र देशों का धन्यवाद करता हूं जो इस मुश्किल समय में हमारे साथ खड़े है.

प्रधानमंत्री मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत पिछले सात दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है. आतंकवाद के खिलाफ यह संदेश उस पहलगाम आतंकी हमले के कुछ महीनों बाद आया है , जिसमें पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी , जिसमें अधिकांश आम नागरिक थे.

22  अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत मे ऑपरेशन सिंदूर चलाया. यह सैन्य कार्ऱवाई 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में की गई , जिसमें कई महत्वपूर्ण आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया.

ऑपरेशन सिंदूर के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव हुआ , जिसमें चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइलों की अदला-बदली हुई. यह संघर्ष तब थमा जब पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय पक्ष से संपर्क कर कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन चीन के थ्यानजिन शहर में हो रहा है , जिसमें कई देशों के राष्ट्रध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं , जिनमें रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ शामिल हैं.

SCO की स्थापना 2001 में चीन , कज़ाखस्तान , किर्गिस्तान , रुस , ताजिकिस्तान और उज्ज़बेकिस्तान द्वारा की गई थी. यह एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संगठन है, जिसमें अब दस सदस्य देश शामिल हैं. जून 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने , ईरान जुलाई 2023 में और बेलारुस जुलाई 2024 में संगठन में शामिल हुआ.

गले मिलकर दिया ट्रंप को संदेश ?

चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत , रुस और चीन -इन तीन प्रमुख शक्तियों ने अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन किया है और अमेरिका में ट्रंप प्रशासन को एक मजबूत संदेश दिया है.

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुस्कुराहटों और गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया तब ऐसा लगा जैसे इससे ट्रंप के टैरिफ वॉर को यह तीनों नेता एक मज़बूत संदेश दे रहे हो.

प्रधानमंत्री मोदी और रुसी राष्ट्रपति पुतिन को हाथ में हाथ डाले चलते हुए देखा गया , जो यह संकेत देता है कि अमेरिका की धमकियाँ भारत को झुकाने में सफल नहीं होंगी और वह मास्को के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को नहीं तोड़ेगा. इसके बाद दोनों नेता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास पहुँचे , और तीनों को हँसी साझा करते हुए देखा गया. इस अनौपचारिक बातचीत ने इस बात को लेकर अटकलें तेज कर दीं कि उन्होने क्या चर्चा की होगी. लेकिन उनके हावभाव में जो सहजता नजर आई , वह अमेरिका को असमंजस में डाले रखेगी.

 

 

 

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