SEO Shikhar Summit 2025: चीन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल मचा दी है।
दोनों नेताओं ने यह साफ कर दिया है कि भारत-चीन संबंधों में किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की बात कर दोनों देशों ने अमेरिका और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है।
तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकारा
भारत और चीन ने साफ किया कि दोनों देशों के रिश्तों में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और चीन की नीति रणनीतिक स्वायत्तता (Strategic Autonomy) पर आधारित है और रिश्तों को किसी अन्य देश से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
आतंकवाद के मुद्दे पर साथ आए भारत-चीन
मुलाकात के दौरान आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर भी सहमति बनी। दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की जरूरत है।
चीन के रुख में इस बदलाव से पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि अब भारत ने सबसे बड़े पड़ोसी देश को भी आतंकवाद के मुद्दे पर अपने साथ खड़ा कर लिया है।
अमेरिका के लिए कड़ा संदेश
भारत और चीन की इस नजदीकी ने अमेरिका की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दोनों देशों ने साफ कर दिया है कि वे अपने रिश्ते में किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे। इससे अमेरिका के लिए एशियाई राजनीति और कूटनीति में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।