शारिक मछली Gang Case – सरकारी जमीन पर कब्जे की खुली पोल – नपती में सरकारी जमीन पर मिला कब्‍जा !

भोपाल| शारिक मछली गैंग मामले में अब सरकारी जमीन पर कब्जे की नपती शुरू हो गई। नपती के पहले दिन ही चौंकाने वाले खुलासे हुए। सरकारी सीमा में कई मकान, प्लॉट और कब्जे मिले है । सीमांकन की कार्रवाई समाप्त होने तक कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं…दरअसल मछली परिवार के ड्रग्‍स, अवैध हथियार तस्‍करी कनेक्शन की जांच के साथ अब प्रशासन ने सरकारी जमीनों पर कब्जे की फाइलों को खोल दिया। सरकारी जमीन पर कब्‍जे की कार्रवाई के तहत पहले हथाईखेड़ा डेम इलाके में आने वाले सात अवैध कब्‍जे को हटाया गया। अब पशुपालन विभाग की 99 एकड़ जमीन पर कब्‍जे की जांच शुरू हो गई। इसके तहत पहले दिन प्रशासन की टीम ने कोकता पहुंचकर जमीन का सीमांकन किया। इस दौरान एसडीएम और तहसीलदार मौजूद थे। पहले दिन की नपती की कार्रवाई में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।पहले दिन की नपती की कार्रवाई में मछली गैंग की सरकारी जमीन पर कब्जे की परतें खुलने लगी। जिन लोगों के डायमंड सिटी में घर और प्‍लाट सरकारी सीमा में आ रहे। उन्‍होंने बीएसटीवी से कहा कि उनके पास रजिस्‍ट्री और नामांतरण है। कई लोगों को लोन भी चल रहे। स्‍थानीय लोगों ने भी सीमांकन को लेकर एसडीएम के पास आपत्ति लगाई। कस्तूरी कोर्टयार्ड कॉलोनी में प्‍लॉटिंग चल रही थी। ये कॉलोनी टीएनसीपी अप्रूवल बताई जा रही। लेकिन इसमें भी सरकारी जमीन निकली।

इन जमीनों के पीछे शारिक मछली गैंग का हाथ बताया जा रहा। इस जमीन का सरकारी मूल्य 50 लाख रुपए प्रति एकड़ है। जबकि बाजार मूल्य 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है। बताते चलें कि सीमांकन के लिए 20 जमीन मालिकों को नोटिस दिया गया जिनमें शामिल हैं मछली परिवार के शफीक अहमद, शावर अहमद, शारिक अहमद, तारिक अहमद, सोहेल अहमद और शावेज अहमद, लोधी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स देवेंद्र लोधी अवधि रियल स्टेट बिल्डर्स पार्टनर पाटनी (पुत्र विजय पाटनी) – निरांक जैन, सुधीर शर्मा, ऊषा सिन्हा, शार्मिला ठाकरे, मीनू जैन, अमित जैन और अनुज साहू, अंजली जैन, चतर सिंह, धनसिंह, पवन कुमार, लाल सिंह और नगर निगम भोपाल जोन आफिस …शारिक मछली गैंग के सरकारी जमीन पर कब्‍जे को लेकर BSTV पर तहसीलदार सौरभ वर्मा ने कहा कि कोकता में साल 1990 में पशुपालन विभाग को 99 एकड़ जमीन आवंटित हुई थी। अब विभाग को अपने प्रोजेक्ट के लिए जमीन की जरूरत है। इसलिए सीमांकन के लिए आवेदन दिया था। विभाग के नाम 13 खसरे हैं। सीमांकन होने में एक सप्‍ताह का समय लगेगा। उन्‍होंने कहा कि सीमांकन से पहले आसपास की जमीन मालिक को नोटिस दिया था। सीमांकन के बाद आगे कार्यवाही की जाएगी।

REPORT – MANOJ RATHORE BSTV

 

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