भोपाल| राजधानी की रफ्तार मानी जाने वाली लो-फ्लोर सिटी बसें अचानक सड़कों से गायब हो गई हैं। 149 सिटी बसें पिछले कई दिनों से संचालन से बाहर हैं, जिससे रोजाना हजारों यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कभी 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर चलने वाली बसें अब नजर ही नहीं आ रहीं, और आम जनता को अब दो-तीन ऑटो बदलकर ऑफिस, स्कूल या अस्पताल जाना पड़ रहा है।
ऑपरेटर और टिकट कंपनी के बीच भुगतान विवाद
इस पूरे मामले की जड़ में है बस ऑपरेटर और टिकट वसूली कंपनी “चलो ऐप” के बीच का भुगतान विवाद। ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें पुराना भुगतान नहीं मिला और अब कंपनी उनका कमीशन घटाने की बात कर रही है। इससे बस संचालन घाटे का सौदा बन गया है।
BCLL और नगर निगम की नाकामी
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) और नगर निगम ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश तो की, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। नगर निगम कमिश्नर पर भी यह आरोप लग रहे हैं कि वे बस ऑपरेटरों से कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं। जबकि विवाद लगभग सुलझ चुका है।
दो साल से ठप है टिकट कलेक्शन सिस्टम
पिछले दो वर्षों से BCLL के पास कोई टिकिट कलेक्शन कंपनी नहीं थी, इसी कारण बसें बंद थीं। अब कंपनी मिलने के बावजूद बसें नहीं चल रही हैं। जहां एक समय 368 सिटी बसें सड़कों पर दौड़ रही थीं, अब यह संख्या घटकर 50 से भी कम हो गई है। बाकी की बसें डिपो में खड़ी-खड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही हैं।
यात्रियों की संख्या 1.5 लाख से घटकर रह गई सिर्फ 15 हजार
बस सेवा के अभाव में अब भोपाल की सड़कों पर आम यात्री परेशान है। पहले जहां रोजाना डेढ़ लाख लोग सिटी बस का सहारा लेते थे, अब यह आंकड़ा महज 15 हजार तक सिमट गया है। एक महिला यात्री ने बताया – “पहले सिर्फ एक बस से ऑफिस पहुंच जाती थी, अब दो ऑटो बदलने पड़ते हैं और किराया भी दोगुना देना होता है।”
समाधान की तलाश में BCLL
BCLL डायरेक्टर मनोज राठौर ने कहा कि, “हम एक वैकल्पिक एजेंसी के माध्यम से समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही डिपो में खड़ी 149 सिटी बसें दोबारा सड़कों पर उतरेंगी।”
निष्कर्ष: कब दौड़ेगी भोपाल की रफ्तार?
भोपाल में प्रशासनिक खींचतान और लचर व्यवस्था ने आम जनता को सड़क पर खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि नगर निगम और BCLL इस टिकट विवाद और ऑपरेटर समन्वय को जल्द सुलझाकर शहर को दोबारा इसकी जीवनरेखा लौटा पाते हैं या नहीं।
___रंजन भगत, बीएसटीवी संवाददाता, भोपाल