जबलपुर। इन दिनों बाजार में ऐसा लहसुन धड़ल्ले से बिक रहा है जो कि बड़ी आसानी से छिल जाता है, और इसका छिलका सफेद के साथ हल्का गुलाबी रंग का होता है आसानी से छिलने की वजह से इस लहसुन की बाजार में ज्यादा मांग है, लेकिन सावधान….ये लहसुन आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। (Chinese Garlic)
जानकर भी अनजान बने जिम्मेदार
शहर में धड़ल्ले से बिक रहे जिस लहसुन की बात कर रहे हैं वो चाइनीज लहसुन है, जो कि हज़ारों क्विंटल की तादाद में असम और बिहार बॉर्डर से शहर की अलग-अलग मंडियों में पहुंच चुका है। अमानक और प्रतिबंधित लहसुन के बाजार में बिकने से लोगों की सेहत से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। बड़ी बात तो ये है कि चाइनीज लहसुन सेहत के लिए हानिकारक है ये बात सभी जानते हैं उसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने बैठे हैं।(Chinese Garlic)
BJP के पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा था पत्र
हालांकि चाइनीज लहसुन का ये मामला प्रदेश में पहले भी उठ चुका है। कुछ माह पहले मंदसौर से बीजेपी के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मालवा के लहसुन उत्पादक क्षेत्र में चोरी छुपे लाई जा रही चाइनीज लहसुन के व्यापार व्यवसाय को रोके जाने की मांग की थी। इस पत्र में उन्होंने 2014 से भारत में चाइनीज लहसुन पर लगे प्रतिबंध का भी जिक्र किया था। उसके बावजूद भी लहसुन माफिया लगातार चाइनीज लहसुन का बड़ी मात्रा में आयात कर मंडियों में बेच रहे हैं।(Chinese Garlic)
देश में सबसे ज्यादा MP में होती है लहसुन की पैदावार
भारत में लहसुन की पैदावार की बात करें तो सबसे अधिक लहसुन मध्य प्रदेश में होता है। देश के कुल लहसुन उत्पादन में मध्य प्रदेश का 62 फीसदी योगदान है। मध्य प्रदेश में भी मालवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा लहसुन उगाया जाता है। इसके बाद गुजरात में लहसुन का उत्पादन अधिक होता है। लहसुन की खेती दो फसल सीजन में की जाती है। खरीफ सीजन में जून-जुलाई में बीज बोए जाते हैं और सितंबर-अक्टूबर में कटाई होती है। रबी सीजन में सितंबर से नवंबर के बीच रोपाई होती है और फरवरी से मार्च के बीच कटाई होती है।(Chinese Garlic)
2014 में भारत सरकार ने इन 3 वजहों से चाइनीज लहसुन पर बैन लगाया
2014 में भारत सरकार ने चीन से आने वाले चाइनीज लहसुन के भारत में आयात पर बैन लगा दिया था। इस बैन के पीछे 3 वजहें गिनाई जाती हैं। जिनमें एक वजह चाइनीज लहसुन हानिकारक केमिकल और पेस्टीसाइड्स से तैयार किया जाना भी है। जो कि सेहत के लिए बेहद खातक है। चाइनीज लहसुन की पैदावार में जरूरत से ज्यादा रासायनिक कीटनाशक का भी इस्तेमाल इसकी एक वजह थी। कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि किसी भी फसल में कीटनाशक का इस्तेमाल उसे खाने वालों में गंभीर बीमारियों की वजह बनता है।(Chinese Garlic)
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ऐसे करें पहचान
चाइनीज लहसुन की सबसे बड़ी पहचान उसका रंग है। इसका छिलका सफेद के साथ हल्का गुलाबी रंग का होता है। जबकि देसी लहसुन पूरा सफेद होता है। इस लहसुन में जड़े नहीं होती हैं, जबकि देसी लहसुन में नीचे जड़े देखी जा सकती हैं। चाइनीज लहसुन की कली 3 बड़ी-बड़ी होती है, जबकि देसी लहसुन की कली छोटी होती हैं। इतना ही नहीं चाइनीज लहसुन में कोई गंध नहीं होती। वहीं, देसी लहसुन में झार जैसी तीखी महक और स्वाद होता है। चाइनीज लहसुन का छिलका पतला होता है। वहीं देसी लहसुन का छिलका थोड़ा मोटा होता है।