भोपाल। MP में इस बार तेज सर्दी के साथ नए साल का जश्न मनेगा। मंगलवार सुबह ग्वालियर-चंबल, उज्जैन, सागर और रीवा संभाग के कई जिलों में कोहरे का असर रहा। वहीं मालवा क्षेत्र के कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट है। इससे पहले वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने के चलते दो दिन तक पूरे प्रदेश में बारिश और बादल वाला मौसम रहा। इस दौरान कई जिलों में तो ओले भी गिरे। जैसे ही बारिश-ओले का दौर थमा, ठंड का असर बढ़ गया। इससे तापमान में अच्छी खासी गिरावट दर्ज हुई है। कई जिलों में तो दिन-रात का टेम्प्रेचर बराबर ही रहा। (MP Weather Alert)
जनवरी में चलेगी शीतलहर
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक साल के पहले महीने जनवरी में 20 से 22 दिन तक शीतलहर और कोल्ड डे का है। शुरुआत के दो दिन ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिलों में शीतलहर का असर दिखेगा। इसके बाद इसका असर पूरे प्रदेश में बढ़ जाएगा। (MP Weather Alert)
MP Weather Update : बारिश का दौर थमा, अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड, IMD ने जारी किया शीतलहर का अलर्ट
फिर ठिठुरा एमपी
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बादल छाने की वजह से प्रदेश के तापमान में बढ़ोतरी हो गई थी। अब मौसम साफ होने के बाद एक बार फिर प्रदेश ठिठुरने लगा है। सोमवार को राज्य के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25 डिग्री से नीच रहा। इस दौरान सबसे ठंडा टीकमगढ़ रहा। यहां का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा नौगांव में 18.5 डिग्री, ग्वालियर-रीवा में 19 डिग्री, सीधी में 19.8 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री और सतना में 20.3 डिग्री रहा। इसी तरह शिवपुरी में 21 डिग्री, जबलपुर में 21.6 डिग्री, उमरिया में 22 डिग्री, पचमढ़ी, मलाजखंड-सागर में 22.5 डिग्री, भोपाल में 22.6 डिग्री और गुना में 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नवंबर-दिसंबर भी रहे ठंडे
इस बार नवंबर और दिसंबर महीने में अच्छी खासी ठंड पड़ी। बात करें नवंबर की तो भोपाल में इसका 36 साल का रिकॉर्ड टूटा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में इस दौरान पारा सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। इसके बाद दिसंबर में भी कड़ाके की ठंड पड़ी। यहां तक कई स्थानों पर तो दिसंबर में जनवरी से भी ज्यादा ठंड पड़ी। इस दौरान पुराने कई रिकॉर्ड भी टूटे। इस महीने में 9 दिन शीतलहर चली। भोपाल और इंदार समेत प्रदेश के कई शहरों में स्कूलों का समय बदला गया। राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए।