भोपाल। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और टीम इंडिया के हेड कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) का बुधवार की देर रात निधन हो गया। वह लंबे समय से ब्लड कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश सीएम मोहन यादव, बीसीसीआई के सचिव जय शाह समेत भारतीय क्रिकेट जगत के दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
71 साल के अंशुमान गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) ने भारतीय क्रिकेट में एक खिलाड़ी, कोच और चयनकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी डिफेन्सिव बल्लेबाजी शैली और कोचिंग के प्रति समर्पण ने उन्हें एक लीजेंड क्रिकेटर के रूप में स्थापित किया।
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वैसे तो अपने क्रिकेट करियर में अंशुमान ने कई बेहतरीन पारियां खेलीं। लेकिन, याद रखा जाता है अपनी उस ऐतिहासिक पारी के लिए जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी। आइए जानते हैं उसके बारे में….
पाकिस्तानी गेंदबाजों के छुड़ाए पसीने
भारतीय क्रिकेट टीम…साल 1983…ये दो शब्द सुनते ही आपके जहन में पहली बार विश्वकप विजेता बनी कपिल देव की कप्तानी वाली टीम आती होगी। लेकिन, इस बड़ी उपलब्धि के अलावा भी उस साल कुछ ऐसा हुआ था, जिसने भारतीय टीम को वन डे ही नहीं, टेस्ट क्रिकेट की भी सबसे मजबूत टीमों में से एक बना दिया था।
तो हुआ यूं कि 1983 के सितम्बर-अक्टूबर महीनों में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर आई थी। इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच दो वन डे और तीन टेस्ट मैच खेले गए। इनमें से भारत ने दोनों वन डे मैच जीत लियए। जबकि टेस्ट सीरीज के सभी मैच ड्रॉ हो गए।
बात टेस्ट मैचों ही करेंगे, क्योंकि ये वो समय था जब वन डे मैच खेले जरूर जाते थे। लेकिन, फैन्स टेस्ट मैचों को ही ज्यादा तवज्जो देते थे। इस दौरे पर जिस मैच का सबसे ज्यादा जिक्र हुआ वो 24 से 29 सितम्बर को जालंधर में खेला गया। पहले मैच की तरह दूसरा भी बारिश की भेंट चढ़ा लेकिन एक रिकॉर्ड बना गया। ये रिकॉर्ड था किसी बल्लेबाज की सबसे धीमी पारी में दोहरा शतक लगाने का। इस मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया था। भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ पाकिस्तान ने अपनी पहली पारी में 337 रन का स्कोर खड़ा किया।
इसके जवाब में भारतीय टीम जब बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी तो उसकी शुरुआत काफी खराब रही। ओपनिंग करने उतरे सुनील गावस्कर और अंशुमन गायकवाड़। टीम ने सिर्फ 5 रन के स्कोर पर सुनील गावस्कर का विकेट गंवा दिया। भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज को इतने जल्दी पवेलियन रवाना कर पाकिस्तानी गेंदबाज जोश में आ गए। गावस्कर के बाद मोहिंदर अमरनाथ और यशपाल शर्मा भी जल्दी आउट हो गए। टीम इंडिया मुश्किल में थी, लेकिन दूसरी तरफ अंशुमन गायकवाड़ ने अंगद की तरह क्रीज पर अपने पैर जमा लिए थे। एक छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन अंशुमन पाकिस्तानी गेंदबाजों के खिलाफ डटे रहे। उन्होंने 17 चौके के साथ 201 रन बना डाले। इस दौरान उन्होंने 436 गेंद का सामना किया और 671 मिनट तक बल्लेबाजी करते रहे।
इस दौरान पाकिस्तान के बॉलरों ने उन्हें आउट की भरसक कोशिश की, लेकिन उन्होंने इतनी आसानी से अपना विकेट उन्हें नहीं दिया। उनकी इस डबल सेंचुरी की मदद से ही भारतीय टीम ने 374 स्कोर खड़ा किया।
इस तरह पहली पारी में टीम इंडिया को 37 रनों की बढ़त मिली। हालांकि, वर्षा बधित इस मैच की दूसरी पारी में पाकिस्तानी टीम आखिरी दिन की समाप्ति तक सिर्फ 16 रन ही बना पाई और मैच ड्रॉ हो गया।
इस मैच में अंशुमन गायकवाड़ ने लगभग तीस घंटे तक क्रीज पर डटे रहे। इस मैच में उनके द्वारा खेली गई 201 रनों की पारी उस समय टेस्ट क्रिकेट की सबसे लंबी पारी थी। अपनी इस मैराथन पारी के लिए अंशुमन गायकवाड़ को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में द ग्रेट वॉल का खिताब मिला।
क्रिकेट करियर
अंशुमान गायकवाड़ के क्रिकेट करियर पर नजर डालें तो उन्होंने भारत के लिए 1975 से लेकर 1987 के बीच 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 1985 रन दर्ज है। इसके अलावा गायकवाड़ ने 206 फर्स्ट क्लास मैचों में 41.56 की औसत से 12136 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 34 शतक और 47 अर्धशतक निकले। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 225 रन रहा। गायकवाड़ ने 55 लिस्ट-ए मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होने 32.67 के औसत से 1601 रन बनाए थे।
अंशुमान गायकवाड़ ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोचिंग को अपना करियर बनाया. वह 1997-99 के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रहे। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने साल 1998 में शारजाह कप जीता था। उनके कोच रहते ही अनिल कुंबले ने ही पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 10 विकेट लिए।उन्होंने 1992 से लेकर 1996 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता की जिम्मेदारी भी निभाई।
अंशुमान गायकवाड़ को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कई सम्मान भी मिले। उन्हें जून 2018 में उन्हें बीसीसीआई ने सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
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