भोपाल। मध्य प्रदेश में आज से “हम होंगे कामयाब पखवाड़ा” की शुरुआत हो गई है, जो 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इस पखवाड़े का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, लैंगिक समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थानों के कर्मचारियों, वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन और महिला डेस्क के कर्मियों के लिए स्पेशल वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, जिनमें महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य बेटा और बेटी के बीच भेदभाव को समाप्त करना और समाज तथा परिवार में महिलाओं के खिलाफ हो रहे शोषण को रोकना है। (CM Dr. Mohan Yadav)
लोगों को किया जाएगा जागरूक
“हम होंगे कामयाब पखवाड़ा” के पहले दिन राज्य स्तर पर एक दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी जिलों के विभागों के अधिकारी और कर्मचारी वर्चुअली हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में “जेंडर संवेदीकरण” पर चर्चा की जाएगी। अगले दिन, युवाओं के साथ “जेंडर आधारित हिंसा” और इसके “मनोवैज्ञानिक प्रभाव” पर चर्चा की जाएगी। (CM Dr. Mohan Yadav)
Indore digital arrest case : ‘आपके खिलाफ FIR दर्ज की गई है…’, जब एडिशनल DCP राजेश दंडोतिया को आया फोन
पखवाड़े के तीसरे दिन, यानी 27 नवंबर को, जिला और ग्रामीण स्तर पर बाल विवाह निषेध पर वेबिनार और सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान लोगों से बाल विवाह मुक्त भारत की प्रतिज्ञा भी दिलवाई जाएगी। इसके अलावा, महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर, SHE BOX पोर्टल, POCSO एक्ट, घरेलू हिंसा और बाल विवाह निषेध जैसे अहम कानूनों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि लोग इन कानूनों के बारे में जागरूक हो सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अपील
“हम होंगे कामयाब पखवाड़ा” के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “महिलाओं का सम्मान सिर्फ सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। इस पखवाड़े का उद्देश्य यह है कि पुरुष अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव लाकर समाज में फैली नकारात्मक सोच को चुनौती दें। इसके लिए हमें अपने घरों में ही लड़कों को यह सिखाना होगा कि वे हर बेटी और महिला का सम्मान करें और उनके साथ किसी तरह का शारीरिक शोषण या हिंसा न करें। परिवार और समाज में समानता का माहौल बनाना जरूरी है, ताकि बेटा और बेटी के बीच भेदभाव खत्म हो सके। महिलाओं के अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा केवल समाज, सरकार और कानून के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है, तभी हम एक बेहतर और समान समाज बना सकते हैं।”
आज से शुरू होकर अगले 15 दिनों तक चलने वाले पखवाड़े के दौरान कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जैसे काव्य और चित्रकला प्रतियोगिताएं, सामुदायिक चर्चाएं, पीसी और पीएनडीटी एक्ट पर रैलियां, घरेलू हिंसा पर रिपोर्टिंग, महिलाओं के लिए साइबर सुरक्षा पर कार्यशालाएं, और पॉजिटिव मस्क्युलिनिटी (सकारात्मक पुरुषत्व) पर जागरूकता अभियान। इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य समाज में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।