राष्ट्रपति ने चार विशिष्ठ व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामांकित किया

राष्ट्रपति ने चार विशिष्ठ व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामांकित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा में नामित सदस्य के रूप में चार प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की नियुक्ति की है। ये नियुक्तियां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) के तहत की गई हैं, जो राष्ट्र की विधायिका में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाने का अवसर प्रदान करती हैं। इन चारों नामों में कानून, विदेश नीति, शिक्षा और इतिहास जैसे विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है।
उज्जवल निकम जिन्होंने कसाब का मुकदमा लड़ा
पहला नाम है उज्ज्वल देवराव निकम का, जो देश के सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित सरकारी वकीलों में गिने जाते हैं। उन्होंने 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन हत्या, 26/11 मुंबई हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा, और 2016 के कोपर्डी बलात्कार कांड जैसे दर्जनों हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया है। उन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह भारत में न्याय प्रणाली की मजबूती के प्रतीक माने जाते हैं।

शिक्षाविद
दूसरे नामित सदस्य हैं सी. सदानंदन मास्टर, जो केरल से एक वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद हैं। वे राष्ट्रीय शिक्षक संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष और ‘नेशनल टीचर्स न्यूज़’ के संपादक भी हैं। साल 1994 में एक राजनीतिक हमले में अपने दोनों पैर गंवाने के बावजूद उन्होंने समाजसेवा और शिक्षा को अपने जीवन का मकसद बनाया। उनकी नियुक्ति सामाजिक सेवा में उनके योगदान की सराहना के रूप में देखी जा रही है।

हर्ष वर्धन श्रिंगला कई देशों में दे चुके हैं सेवा
तीसरे व्यक्ति हैं पूर्व विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रिंगला। वे 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं और अमेरिका, बांग्लादेश तथा थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। वे 2020 से 2022 तक भारत के विदेश सचिव रहे और भारत की रणनीतिक विदेश नीति को आकार देने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। हाल ही में उन्होंने भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाई।
इतिहासकार और शिक्षिका डॉ. मीनाक्षी जैन
चौथे नामित सदस्य हैं इतिहासकार और शिक्षिका डॉ. मीनाक्षी जैन। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के गर्गी कॉलेज में इतिहास पढ़ा चुकी हैं और भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर उनके शोध कार्य को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। वह ‘सती’, ‘राम और अयोध्या’, तथा ‘फ्लाइट ऑफ डीइटीज़’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों की लेखिका हैं। उन्हें 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वे भारतीय इतिहास और परंपराओं पर शोध के लिए जानी जाती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामित राज्यसभा सदस्यों को बधाई दी

उज्ज्वल निकम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वल निकम का विधि क्षेत्र और हमारे संविधान के प्रति समर्पण अनुकरणीय है। वे न केवल एक सफल वकील रहे हैं, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों में न्याय दिलाने में भी अग्रणी रहे हैं। अपने संपूर्ण कानूनी जीवन के दौरान, उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और आम नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए काम किया है। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि भारत की राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। उनके संसदीय कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।

हर्षवर्धन श्रृंगला
देश की विदेश नीति में हर्षवर्धन श्रृंगला के योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह एक राजनयिक, बुद्धिजीवी और रणनीतिक विचारक के रूप में उत्कृष्ट रहे हैं। वर्षों से, उन्होंने भारत की विदेश नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और जी-20 की अध्यक्षता में भी योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।

डॉ. मीनाक्षी जैन
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि डॉ. मीनाक्षी जैन को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। उन्होंने एक विद्वान, शोधकर्ता और इतिहासकार के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। शिक्षा, साहित्य, इतिहास और राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में उनके कार्यों ने अकादमिक विमर्श को महत्वपूर्ण रूप से समृद्ध किया है। उनके संसदीय कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।

सी. सदानंदन मास्टे
पीएम मोदी ने कहा कि सी. सदानंदन मास्टे का जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की प्रतिमूर्ति है। हिंसा और धमकी भी राष्ट्र विकास के प्रति उनके जज्बे को डिगा नहीं सकी। एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं। युवा सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता है। राष्ट्रपति के द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई।

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