सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई टाली

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई टाली

यमन में फांसी की सजा पाई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 14 अगस्त तक टाल दी है। शुक्रवार को इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वे निमिषा प्रिया मामले में हरसंभव मदद कर रहे हैं। यमन में एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई है। निमिषा को 16 जुलाई को मौत की सजा मिलनी थी। हालांकि सरकार के प्रयासों और केरल के एक मुस्लिम धर्मगुरु की मदद से निमिषा प्रिया की फांसी की सजा फिलहाल टाल दी गई है।

केंद्र सरकार ने कहा- वे हरसंभव मदद कर रहे
सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को सूचित किया गया कि यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमण ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया कि इस मामले में नर्स को बचाने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रिया सुरक्षित वापस आ जाए। पीठ ने भी इसे स्वीकार किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि निमिषा को पहले मृतक महदी के परिजनों से क्षमादान प्राप्त करना होगा और फिर उसके बाद ब्लड मनी का मुद्दा आएगा। याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया कि फांसी स्थगित कर दी गई है। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए टाल दी।
याचिका में निमिषा को बचाने की अपील
याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि सरकार हरसंभव राजनयिक माध्यमों से 38 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाए। केरल के पलक्कड़ ज़िले की निवासी निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमन के निवासी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और उसकी अंतिम अपील 2023 में खारिज हो गई। निमिषा फिलहाल यमन की राजधानी सना की जेल में कैद है।

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