यूनेस्को सूची में एमपी के 6 स्थल शामिल, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

भोपाल। यूनेस्को ने मध्य प्रदेश के छह दर्शनीय स्थलों को अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया है। दर्शनीय स्थलों में भोजेश्वर महादेव मंदिर, ग्वालियर किला, धमनार गुफाएं मंदसौर , चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा(कुंडी भंडारा) बुरहानपुर, एवं रामनगर का गोंड स्मारक शामिल हैं।

इसपर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व पटल पर भी प्रतिष्ठित हो रही है। यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा भारत की अस्थायी सूची में मध्यप्रदेश की छह धरोहरों को सम्मिलित किया है। इस गौरव के क्षण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।

वहीं प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के लिये यह गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशन से प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों एवं संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से प्रयास किये जा रहे हैं। सूची में नाम आने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जिससे न ही सिर्फ विकास होगा, बल्कि एक वैश्विक पहचान भी मिलेगी।

ग्वालियर किला 

ग्वालियर में अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए जाना जाने वाला ग्वालियर किला एक पहाड़ी पर स्थित है। इससे पहले यूनेस्को ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक का दर्जा दे चुका है ।।इतिहासकारों के अनुसार, ग्वालियर किले की सबसे पहली नींव छठी शताब्दी ईस्वी में राजपूत योद्धा सूरज सेन द्वारा रखी गई थी।

भोजेश्वर महादेव मंदिर-भोजपुर 

भोजेश्वर मन्दिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गाँव में बना एक मन्दिर है। यह एक ही पत्थर से उकेरा गया है , गर्भगृह में विशाल लिंग लगभग 6 मीटर की परिधि के साथ 2.35 मीटर लंबा है। यह 6 मीटर वर्ग में तीन-स्तरीय पत्थर के मंच पर स्थापित है। ऐसी मान्यता है कि मन्दिर का निर्माण कला, स्थापत्य और विद्या के महान संरक्षक मध्य-भारत के परमार वंशीय राजा भोजदेव ने 11वीं शताब्दी में करवाया था।

धमनार गुफाएं मंदसौर 

धमनार गुफाएँ भारत के मध्य प्रदेश राज्य में मंदसौर जिले के धामनार गाँव में स्थित हैं। यहाँ शैल को काटकर बनाई गई 51 गुफाएं, स्तूप, चैत्य, मार्ग और लघु आवास शामिल हैं, जो 7वीं शताब्दी में बनाए गए थे। इस स्थल में बैठे हुए और निर्वाण मुद्रा में गौतम बुद्ध की विशाल प्रतिमा शामिल है। उत्तरी किनारे पर चौदह गुफाएँ ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनमें बारी कचेरी और भीमा बाज़ार उत्कृष्ट हैं। बारी कचेरी गुफा 20 फीट वर्गाकार है और इसमें एक स्तूप और चैत्य शामिल है

चंबल घाटी के रॉक कला स्थल

चंबल बेसिन और मध्य भारत में विभिन्न ऐतिहासिक काल और सभ्यताओं से उत्पन्न रॉक कला स्थलों की दुनिया की सबसे बड़ी सघनता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले ये स्थल प्राचीन मानव निवास और सांस्कृतिक विकास का विवेक प्रदान करते हैं।

खूनी भंडारा(कुंडी भंडारा) बुरहानपुर 

कुंडी भंडारा या खूनी भंडारा महाराष्ट्र की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने की एक जीवित भू-जल संरचना है। जो 407 साल पहले तैयार की गई थी। इसका निर्माण 1615 में बुरहानपुर के शासक रहे अब्दुर्रहीम खानखाना ने करवाया था।

रामनगर का गोंड स्मारक

यह मंडला जिले के रामनगर में गोंड राजाओ का गढ़ था। इसे सन् 1667 में गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा नदी के किनारे निर्माण करवाया था। सीमित संसाधन और तकनीक के बावजूद पांच मंजिला महल राजा की इच्छाशक्ति की गवाही देता है। समय के साथ दो मंजिलें जमीन में दब गई हैं लेकिन तीन मंजिलें आज भी देखी जा सकती हैं।

इन स्थलों को यूनेस्को की सूची में शामिल किए जाने से मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर मान्यता मिलेगी और इससे पर्यटन को भी बल मिलेगा। राज्य सरकार और पर्यटन विभाग इसे एक बड़ी सफलता मान रहे हैं और इससे आने वाले समय में पर्यटन के नए आयाम खुलने की उम्मीद है।

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