Vice President Election 2025: देश का उपराष्ट्रपति पद खाली होने के बाद अब सियासी जंग तेज हो गई है। एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, तो वहीं विपक्षी गठबंधन INDIA ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज और गोवा के पहले लोकायुक्त बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।
यह मुकाबला एक ओर लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव वाले राधाकृष्णन और दूसरी ओर न्यायपालिका से राजनीति में आए निष्पक्ष छवि वाले रेड्डी के बीच होगा। यह टक्कर न केवल दो व्यक्तित्वों की है, बल्कि दो अलग-अलग पृष्ठभूमियों- राजनीति बनाम न्यायपालिका- की भी है।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

सीपी राधाकृष्णन की कहानी एक सामान्य परिवार से निकलकर नेशनल लेवल पर पहचान बनाने वाले नेता की है। उनका जन्म तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ-एक ऐसा शहर जो अपने टेक्सटाइल उद्योग के लिए जाना जाता है। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पढ़ाई की, लेकिन दिल से वो शुरू से ही समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के विचारों से जुड़े थे।
- 16–17 वर्ष की आयु में RSS से जुड़े, 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने।
- 1996: तमिलनाडु बीजेपी के राज्य सचिव नियुक्त।
- 1998 और 1999: कोयम्बत्तूर से लोकसभा सांसद चुने गए।
- सांसद रहते हुए वस्त्र समिति के अध्यक्ष और विभिन्न संसदीय समितियों (PSU, वित्त, स्टॉक एक्सचेंज घोटाला जांच) के सदस्य रहे।
- 2003–2004: भारत के प्रतिनिधि के रूप में यू.एन. महासभा और ताइवान संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भाग लिया।
- 2004–2007: तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष, 93 दिनों और 19,000 किमी की रथ यात्रा का नेतृत्व किया।
- 2016–2020: कोइर बोर्ड (केरल) के अध्यक्ष, कोइर निर्यात को रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचाया।
- 2020–2022: बीजेपी के केरल प्रभारी रहे।
- फरवरी 2023: झारखंड के राज्यपाल नियुक्त हुए और राज्य के सभी जिलों का दौरा किया।
- साथ ही अतिरिक्त कार्यभार के रूप में तेलंगाना राज्यपाल और पुडुचेरी उप-राज्यपाल भी रहे।
- 31 जुलाई 2024: महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
- 2025: बीजेपी-नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?

बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था। उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत 1971 में हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल से की और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों की पैरवी की। रेड्डी 1988 से 1990 तक हाई कोर्ट में सरकारी वकील रहे और 1990 में कुछ समय के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी बने।
उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के तौर पर भी काम किया। उनके न्यायिक करियर की शुरुआत 2 मई 1995 को हुई, जब वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। इसके बाद 5 दिसंबर 2005 को उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- 1971: आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील बने, सिविल, संवैधानिक और श्रम कानून में अभ्यास किया।
- केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील और उस्मानिया विश्वविद्यालय सहित संस्थाओं के कानूनी सलाहकार रहे।
- 1995: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए।
- 2005: गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
- 2007–2011: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में सेवा दी।
- 2013: गोवा के पहले लोकायुक्त नियुक्त हुए, लेकिन अक्टूबर में इस्तीफा दिया।