रीवा। रीवा जिले (Rewa News) के त्यौंथर में झोलाछाप डॉक्टर ने 10 साल के बच्चे की जान ले ली। आरोप है कि झोलाछाप ने 6 घंटे में बच्चे को एक के बाद एक ग्लूकोज की 7 बोतल चढ़ा दीं। जिससे उसकी हालत सुधरने की जगह खराब हो गई। उसकी मुंह से झाग और नाक से खून बहने लगा। प्रयागराज ले जाते समय बीच रास्ते में उसकी मौत हो गई।
मामला मंगलवार (23 जुलाई) का है। मृतक बच्चे के परिजनों ने बुधवार (Rewa News) को सोहागी थाने में दो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत की। पीएम के बाद पुलिस ने बच्चे का शव परिजन को सौंप दिया।
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गांव के झोलाछाप को दिखाया
परिजनों के मुताबिक, ‘बेटे मोहम्मद साजिद अहमद को रविवार शाम से उल्टी – दस्त की शिकायत थी। उसे चौरा गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। इसके बाद अगले दिन बच्चे को रायपुर सुनौरी उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए। लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। मजबूरी में उसे एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर को दिखाना पड़ा।’
परिजनों ने बताया, ‘छोलाछाप डॉक्ट ने बच्चे को देखने के बाद उसे अपने क्लीनिक में भर्ती कर लिया। वह उसे रात 9 बजे से लेकर 3 बजे तक बोतल चढ़ाता रहा। इस दौरान उसने इंजेक्शन भी लगाए।
रास्ते में तोड़ा दम
उन्होंने आगे बताया, ‘कुछ समय बाद बच्चा बेहोश गया और उसकी नाक से खून व मुंह से झाग निकलने लगा। जिससे हम सभी घबरा गए और उसे प्रयागराज ले जाने के लिए निकले, लेकिन पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
झोलाछाप फरार
पुलिस ने बताया कि परिजन की शिकायत के बाद मामले की जांच की जा रही है।जांच में जो भी कुछ निकलकर सामने आएगा, उसके आधार पर आगे एक्शन लिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि दोनों झोलाछाप डॉक्टर फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।